सीएम फडणवीस, एकनाथ शिंदे, अजित पवार (pic credit; social media)
Maharashtra News: पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका चुनाव का माहौल गरमा गया है। वार्ड संरचना का मसौदा प्रकाशित हो चुका है और अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि चुनाव गठबंधन के रूप में लड़ा जाएगा या पार्टियां अपने-अपने दम पर उतरेंगी। दिवाली के बाद चुनाव होने की संभावना है, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तरह महायुति और महाविकास आघाड़ी की तस्वीर मनपा चुनाव में भी नजर आएगी या नहीं।
स्थानीय राजनीति में इस बार का समीकरण बेहद पेचीदा है। भाजपा फिलहाल मजबूत स्थिति में नजर आ रही है। पिछले कार्यकाल में उसके पास 77 नगरसेवक थे। वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिवसेना के अलग-अलग गुट होने से पूर्व नगरसेवक भी बंट चुके हैं। भाजपा के कई पूर्व नगरसेवक और इच्छुक उम्मीदवार अभी भी पार्टी के साथ हैं, जिससे पार्टी का पलड़ा भारी दिख रहा है। स्थानीय पदाधिकारी भी आलाकमान को अकेले चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दे चुके हैं।
दूसरी ओर, अजीत पवार गुट की राष्ट्रवादी कांग्रेस भी अकेले मैदान में उतरने के संकेत दे रही है। उनके पास पूर्व नगरसेवकों और इच्छुक उम्मीदवारों की संख्या अधिक है। हाल ही में संशोधित विकास योजना के खिलाफ निकाले गए मोर्चे को इसी तैयारी का हिस्सा माना जा रहा है।
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कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) गठबंधन की संभावनाओं पर चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी ने पहले ही अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। आरपीआई भी भाजपा के साथ सीट बंटवारे पर आक्रामक रुख अपनाए हुए है। मनसे की भूमिका अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर गठबंधन नहीं हुआ तो वोटों के बंटवारे से बड़े नेताओं को नुकसान झेलना पड़ सकता है। मसौदा वार्ड संरचना की सुनवाई के बाद अक्टूबर में आरक्षण लॉटरी निकाली जाएगी। कुल 128 सीटों में से 93 सीटें आरक्षित होंगी। इस बार हर वार्ड में इच्छुक उम्मीदवारों की लंबी कतार है और मुकाबला बेहद रोमांचक होने की संभावना जताई जा रही है।