पिंपरी-चिंचवड़ मेट्रो स्टेशन अधूरा सौंदर्यकरण (pic credit; social media)
Maharashtra News: दापोडी से चिंचवड़ तक बने मेट्रो मार्ग पर महामेट्रो ने पिलरों पर आकर्षक रंगरोगन और विज्ञापन बोर्ड लगाकर सजावट तो कर दी है, लेकिन उसी मार्ग पर डिवाइडरों और बस स्टॉप्स की हालत बेहद खराब है। अधूरा पड़ा सौंदर्यीकरण और जगह-जगह पड़ा मलबा अब शहर की छवि खराब कर रहा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि महामेट्रो प्रशासन सिर्फ विज्ञापनों से अपनी छवि चमकाने में लगा है, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि डिवाइडरों पर मिट्टी और मलबा फैला है, कई जगह पौधे लगाए ही नहीं गए और जहां लगाए गए थे, वे बिना देखभाल के सूख चुके हैं। इससे शहर का सौंदर्य बिगड़ गया है।
दरअसल, मेट्रो निर्माण के दौरान डिवाइडर और बस स्टॉप हटाए गए थे, लेकिन उनके स्थान पर जमा मलबा अब भी साफ नहीं किया गया है। महापालिका और स्थानीय संगठनों के अनुरोध के बावजूद सभी डिवाइडरों पर पौधारोपण का कार्य अधूरा ही पड़ा है। कासारवाड़ी स्टेशन के पास तो बड़े पेड़ भी सूख चुके हैं।
शहरवासियों का कहना है कि यदि पहले डिवाइडर पर पौधे लगाए जाते और जगह को व्यवस्थित किया जाता, तो विज्ञापन लगाने पर किसी को आपत्ति नहीं होती। लेकिन आधा-अधूरा काम छोड़कर सिर्फ पिलर पर विज्ञापन लगाना लोगों के गले नहीं उतर रहा है।
इसके साथ ही कई स्टेशनों के नीचे जारी अधूरे काम के चलते ट्रैफिक जाम भी बढ़ गया है। पिंपरी से दापोडी, नाशिक फाटा और कासारवाड़ी जैसे इलाकों में सड़कें बंद होने से वाहन चालकों को घंटों परेशानी झेलनी पड़ रही है। ट्रैफिक पुलिस को लगातार जाम नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ रही है।
नागरिकों का कहना है कि यदि महामेट्रो वास्तव में शहर की सुंदरता और सुविधा को ध्यान में रखकर काम करता, तो आज पिलर पर चमकते विज्ञापनों के साथ-साथ नीचे साफ-सुथरे डिवाइडर और हरे-भरे पौधे दिखाई देते। फिलहाल अधूरे काम और अव्यवस्था ने लोगों की नाराजगी को और बढ़ा दिया है।