पुणे में शुरू होगा 'गौ-पर्यटन केंद्र' (pic credit; social media)
Maharashtra News: पुणे के कृषि महाविद्यालय परिसर में स्थित देशी गाय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र द्वारा अब देशी गायों के प्रचार-प्रसार और जागरूकता के लिए एक गौ-पर्यटन केंद्र शुरू किया जा रहा है। इस केंद्र की इमारत का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। मंगलवार को राज्य के कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने यहां का दौरा किया और परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों से संवाद कर उनकी गतिविधियों की जानकारी भी ली।
इस मौके पर महाराष्ट्र कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान परिषद के उपाध्यक्ष तुषार पवार, कोल्हापुर स्थित राजश्री छत्रपति शाहू महाराज शासकीय कृषि महाविद्यालय के सहयोगी अधिष्ठाता डॉ. शैलेश कांबले, पशुपालन व दुग्धशाला विभाग प्रमुख डॉ. समीर डगे, केंद्र के तकनीकी प्रमुख डॉ. धीरज कंखरे और राहुरी स्थित महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ के वैज्ञानिक मौजूद थे। देशी गाय अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सोमनाथ माने ने मंत्री को इस परियोजना की विस्तृत जानकारी दी।
भारतीय किसान और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में देशी गाय का विशेष महत्व है। गाय का दूध पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ-साथ ग्रामीण पोषण का मुख्य स्रोत है। वहीं, गोबर और गौमूत्र प्राकृतिक खेती में उर्वरक और कीटनाशक के रूप में काम आते हैं, जिससे रासायनिक खादों पर निर्भरता घटती है।
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इस केंद्र में दुग्ध उत्पादन में प्रसिद्ध देशी गायों का संवर्धन, आधुनिक गौशालाओं का विकास, गोबर गैस परियोजना, “गो-परिक्रमा”, और AI तकनीक का इस्तेमाल कर गायों के संरक्षण और संवर्धन पर कार्य हो रहा है। साथ ही किसानों को प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं।
कृषि मंत्री भरणे ने कहा कि यह पहल केवल परंपरा का संरक्षण नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्थायी विकास का मार्ग है। “इस मुहिम से किसानों के साथ-साथ पूरे समाज को लाभ होगा और हमें इसे मिलकर और मजबूत बनाना चाहिए,” उन्होंने कहा। आने वाले समय में यहां अत्याधुनिक “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” विकसित किया जाएगा, जिसमें आधुनिक गौशाला, साइलो बंकर, बायोगैस यूनिट, प्रयोगशाला, बिक्री केंद्र और गौ-पर्यटन की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।