मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और सांसद सुप्रिया सुले (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: सोलापुर जिले के कुर्दू गांव में तहसीलदार और तलाठी (राजस्व अधिकारी) को गांव के गुंडों द्वारा पिटाई करना राज्य के लिए बेहद शर्मनाक है। यह चिंता राष्ट्रवादी (शरद पवार) कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने जताई है।
उन्होंने तंज कसते हुए उप मुख्यमंत्री अजीत पवार का नाम लिए बिना कहा कि जब इन गुंडों पर कार्रवाई करने गई पुलिस उपाधीक्षक अंजना कृष्णा को मंत्री द्वारा धमकाया जाता है, तो इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सत्ताधारी दल की तानाशाही बदर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इसके खिलाफ सड़कों पर उतरकर जन आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में रोज नए आरोप-प्रत्यारोप हो रहे हैं और एक सक्षम महिला पुलिस अधिकारी को बदनाम किया जा रहा है। सुले ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस मामले में तत्काल च्यान देने और विस्तृत खुलासा करने की मांग की, ताकि इन गुंडों को तुरंत गिरफ्तार किया जा सके।
जनसुरक्षा कानून के संबंध में राष्ट्रवादी (शरद पवार) पार्टी ने 10 सितंबर को राज्यव्यापी जन आंदोलन किया जिसमें सुले ने जिला कलेक्टर कार्यालय के पास डॉ बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के सामने आयोजित प्रदर्शन में हिस्सा लिया, इस दौरान सुले ने राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सत्ताधारियों पर निशाना साधा। सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें मजदूर संघ के पदाधिकारी और शहर अध्यक्ष प्रशांत जगताप शामिल थे।
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सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में राष्ट्रवादी कांग्रेस पाटी (शरदचंद्र पवार) पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें मजदूर संघ के पदाधिकारी और शहर अध्यक्ष प्रशांत जगताप शामिल थे, ने बुधवार को पीएमपीएमएल के अध्यक्ष पंकज देवरे से मुलाचत्रत की, इस दौरान प्रशांत जगताप ने कहा कि पीएमपीएमएल द्वारा पिछले 40 सालों से चलाई जा रही ‘पुष्पक वाहिनी’ नामक शव वाहन सेवा को अचानक बंद कर दिया गया है, उन्होंने कहा कि पुर्णवासियों के दुख की घड़ी में मदद करने वाली इस सेवा को अचानक बंद करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने मांग की कि इस सेवा को तुरंत बहाल किया जाए, अन्यठा पीएमपीएमएल के स्वारगेट, पुणे स्थित मुख्य कार्यालय पर शव यात्रा के साथ विरोध मार्च निकाला जाएगा। बता दें कि पुष्पक वाहिनी नामक शव वाहन सेवा पुगकरों के दुख के समय एक सहायता के स्प में काम करती थी, लेकिन यह काफी समय से बंद है।