कर्जमाफी सिर्फ घोषणा नहीं-सरकार का संकल्प। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
पुणे: विश्वास और भरोसे की राजनीति के दौर में जब वादों पर अमल एक चुनौती बन चुका है, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक साहसिक और भरोसेमंद बयान देकर राजनीतिक विमर्श को नई दिशा दी है। पुणे में आयोजित एक भव्य योग समारोह में उन्होंने न केवल कर्जमाफी पर सरकार की गंभीरता जताई, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान सरकार अपने एक भी वादे से पीछे नहीं हटेगी।
पुणे में आयोजित ‘वारकरी भक्तियोग’ नामक विशेष योग कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा “कर्जमाफी को लेकर सरकार पूरी तरह गंभीर है। इसे लागू करने के लिए एक तय प्रक्रिया और नियम होते हैं। सही समय पर सरकार उचित निर्णय लेगी। लेकिन मैं विश्वास दिलाता हूं कि इस सरकार ने जो भी वादा जनता से किया है, उसे पूरी निष्ठा से निभाया जाएगा।” इस बयान के जरिए मुख्यमंत्री ने राज्य में किसानों के मन में उठ रहे संदेह को स्पष्ट रूप से दूर करने की कोशिश की है।
राज्य के कई हिस्सों में हो रही भारी वर्षा को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जलाशयों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। “राज्य के प्रमुख जलाशयों पर तैनात अभियंताओं और अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी प्रकार की आपदा की स्थिति न उत्पन्न हो।” यह बयान राज्य के नागरिकों के लिए राहत भरा है, जिससे यह संदेश जाता है कि सरकार प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सतर्क और सक्रिय है।
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— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) June 21, 2025
शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक बदलावों पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया “सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को सिद्ध किया है। विश्वविद्यालय में नए शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सभी आवश्यक अनुमति मिल चुकी है और यह प्रक्रिया जल्द ही पूर्ण की जाएगी।” राज्य के युवाओं के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है जो उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार की ओर इशारा करता है।
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कार्यक्रम में योग पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा “योग हमारी संस्कृति और परंपरा की आत्मा है। यह केवल शरीर की नहीं, बल्कि मन की भी चिकित्सा है। योगासन के माध्यम से न केवल शरीर को मजबूती मिलती है, बल्कि मानसिक संतुलन और ऊर्जा भी प्राप्त होती है। यह एक समग्र जीवनशैली का प्रतीक है।”उन्होंने इस वर्ष की ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ थीम पर बोलते हुए कहा कि भारत की पारंपरिक वारकरी परंपरा इस संकल्पना को व्यवहार में लाकर जीवंत करती है।
इस आयोजन में शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील, राज्य मंत्री माधुरी मिसाल, पुणे के जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी, पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरेश गोसावी, योग विशेषज्ञ, साहित्यकार, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी और अनेक नागरिक शामिल हुए। योग अभ्यास का संचालन डॉ. पल्लवी कव्हाणे और अनुराधा येडके ने किया। कार्यक्रम में विख्यात विद्वान और वारकरी साहित्य के विशेषज्ञों की भी उपस्थिति रही, जिन्होंने भारतीय परंपरा में योग के महत्व पर प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस बयान से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार वादों को निभाने के प्रति संकल्पबद्ध है। कर्जमाफी, शिक्षा, प्राकृतिक आपदाओं की तैयारी और योग जैसे सांस्कृतिक मूल्यों को लेकर सरकार की नीति स्पष्ट, सक्रिय और जनहितकारी है। ऐसे प्रयास जनता के विश्वास को मजबूती देते हैं और एक स्वस्थ, सशक्त समाज की दिशा में आगे बढ़ते महाराष्ट्र की तस्वीर सामने रखते हैं।