भारतीय शेयर बाजार (सौजन्य : सोशल मीडिया)
Indian Share Market: गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर बुधवार को भारतीय शेयर बाजार बंद रहे। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में इक्विटी, डेरिवेटिव्स, और सिक्योरिटीज लेंडिंग एंड बॉरोइंग (एसएलबी) सहित सभी सेगमेंट में कारोबार दिन भर के लिए स्थगित रहा।
कमोडिटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट भी सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक बंद रहा, हालांकि यह शाम के सत्र के लिए रात 11:55 बजे तक खुला रहेगा। अब बाजार 28 अगस्त (गुरुवार) को दोबारा खुलेंगे।
शेयर बाजार के जानकारों का मानना है कि गुरुवार को बाजार पर अमेरिका की ओर से लागू किए जाने वाले अतिरिक्त टैरिफ का असर दिख सकता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत से अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले प्रमुख सामानों में इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, दवाइयां, और रत्न एवं आभूषण शामिल हैं। इन टैरिफ का सीधा असर इन क्षेत्रों की कंपनियों के शेयरों पर पड़ सकता है, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
इससे पहले, मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। सेंसेक्स 849.37 अंक या 1.04% गिरकर 80,786.54 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 255.70 अंक या 1.02% की गिरावट के साथ 24,712.05 पर आ गया। निफ्टी 24,850 के महत्वपूर्ण समर्थन स्तर से नीचे गिर गया, जिससे बिकवाली का दबाव बढ़ गया। विश्लेषकों ने कहा कि डेली चार्ट पर एक ‘लॉन्ग बियरिश कैंडल’ बन रही है, जो बाजार में और गिरावट का संकेत है।
मंगलवार को निफ्टी पैक में श्रीराम फाइनेंस, सन फार्मा, टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस और ट्रेंट सबसे ज्यादा नुकसान में रहे। वहीं, आयशर मोटर्स, एचयूएल, मारुति सुजुकी, नेस्ले इंडिया और आईटीसी के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई। एफएमसीजी सेक्टर को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रीय सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए। पीएसयू बैंक, मेटल, फार्मा, ऑयल एंड गैस, कंज्यूमर ड्यूरेबल, रियल्टी और टेलीकॉम के शेयरों में 1-2% की गिरावट आई।
वैश्विक बाजारों की बात करें तो बुधवार को एशिया-प्रशांत के बाजारों में मिला-जुला रुख देखने को मिला, जबकि अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0.3%, नैस्डैक 0.44% और एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.41% की बढ़त में रहे।
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मंगलवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय शेयरों में 6,516.49 करोड़ रुपए की शुद्ध बिकवाली की, जो 20 मई के बाद से उनकी सबसे बड़ी बिकवाली थी। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 7,060.37 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। यह दर्शाता है कि एफआईआई बाजार में मंदी का रुख अपना रहे हैं, जबकि डीआईआई बाजार को सहारा देने की कोशिश कर रहे हैं।