ढोल ताशा पथक (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: गणेश विसर्जन जुलूस को लेकर पुणे पुलिस प्रशासन द्वारा जारी किए गए गाइडलाइंस को लेकर ढोल-ताशा महासंघ और पथक प्रमुखों ने नाराजगी जताई है। महासंघ का कहना है कि गाइडलाइंस में उनकी पूर्व की बैठकों में बताई गई महत्वपूर्ण सुझावों को शामिल नहीं किया गया है।
साथ ही, पुलिस ने पथक में केवल 60 सदस्य (वादक + सहायक) तय किए हैं, जबकि महासंघ का स्पष्ट मत है कि एक पथक में 150 से 200 सदस्य होने चाहिए। इस तरह से ढोल ताशा पथक प्रमुखों और महासंघ पुलिस की गाइडलाइंस से नाराज हो गई है। इसका असर विसर्जन जुलूस में देखने को मिल सकता है। महासंघ के अध्यक्ष पराग ठाकुर ने कहा कि ढोल-ताशा पथक केवल वादक और सहायक तक सीमित नहीं होते बल्कि इनके साथ कई परंपरागत घटक जुड़े रहते हैं।
हर पथक के अग्रभाग में भगवा ध्वज होता है, जिसे पथक संस्कृति में विशेष स्थान प्राप्त है। साथ ही झांज पथक, टिपरी पथक, लेझीम पथक, ढाल-तलवार पथक जैसे पारंपरिक घटक भी शामिल होते हैं। ये सभी मिलकर ही एक संपूर्ण ढोल-ताशा पथक बनाते हैं। महासंघ ने आरोप लगाया है कि विसर्जन जुलूस के संदर्भ में आयोजित बैठकों में ढोल ताशा पथक प्रमुखों ने कई सुझाव दिए थे परंतु पुलिस प्रशासन ने उन्हें नियमावली में जगह नहीं दी। बैठकों में महासंघ ने स्पष्ट कहा था कि एक पथक में 150-200 सदस्य आवश्यक होंगे, लेकिन प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
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पथक समाधान चौक से सहभागी होंगे और तिलक चौक (अलका चौक) पर जुलूस का समापन होगा। वाद्य सामग्री की ढुलाई के लिए केवल टेम्पो का उपयोग किया जाएगा। जुलूस समाप्त होने के बाद वाद्य सामग्री लक्ष्मी रोड से वापस नहीं ले जाई जाएगी। इसके लिए केलकर रोड-कुमठेकर रोड का मार्ग अपनाना होगा। वाद्य वापस ले जाते समय नगरकर तालिम चौक, चित्रशाला चौक, गणपति चौक से लक्ष्मी रोड पार किया जाएगा।