बी आर पाटिल (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: पुणे में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक बी आर पाटिल ने मतदाता सूची से नाम अवैध रूप से हटाने की पूरी सच्चाई सामने रखी। उन्होंने कहा कि अगर यह मामला समय पर उजागर नहीं होता तो उनकी हार कम से कम 5,900 वोटों से हो सकती थी।
पाटिल ने बताया कि आलंद क्षेत्र के कुल 256 मतदान केंद्रों पर छह हजार से अधिक मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए थे। इस पर उन्होंने तहसीलदार, एसडीएम और जिलाधिकारी से शिकायत की थी। शिकायत दर्ज होने के बाद मामले की जांच डीवाईएसपी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की निगरानी में की गई।
दिसंबर 2023 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद राज्य के गृह मंत्री ने केस को सीआईडी को सौंपा। जांच में यह साइबर धोखाधड़ी का मामला पाया गया। उन्होंने खुलासा किया कि सीआईडी ने निर्वाचन आयोग से जानकारी मांगी थी और 18 बार पत्र भी लिखा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इस कारण वास्तविक आरोपी अब तक सामने नहीं आ सके हैं। पाटिल ने सवाल उठाया कि जब चुनाव अधिकारी ने एफआईआर दर्ज की है तो निर्वाचन आयोग कैसे कह सकता है कि कोई गड़बड़ी नहीं हुई।
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पाटिल ने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वोट चोरी करने वाले कौन हैं, भाजपा कार्यकर्ता या फिर निर्वाचन आयोग के अधिकारी? उन्होंने यह भी पूछा कि मतदाता सूची तैयार करते समय स्थानीय भाजपा उम्मीदवार और कार्यकर्ताओं की क्या भूमिका थी, इसका खुलासा होना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि 2018 में उन्हें सिर्फ 600 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था और आरोप लगाया कि उस समय भी इसी तरह की गड़बड़ी की संभावना हो सकती है। पाटिल ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने वोट चोरी के स्पष्ट सबूतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की और अब कांग्रेस इस मुद्दे को जनता की अदालत में ले जाएगी।