पुणे: सीमा सड़क संगठन (BRO), पुणे (Pune) में अपना 64वां स्थापना दिवस मना रहा है। जहां वह अपने वार्षिक मुख्य अभियंता और उपकरण प्रबंधन सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। इस सम्मेलन में सीमावर्ती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 18 बीआरओ परियोजनाओं (BRO Projects) के मुख्य अभियंताओं के साथ-साथ सीमा सड़क भवन, नई दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
सम्मेलन की अध्यक्षता बीआरओ डायरेक्टर जनरल (डीजी) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि बीआरओ का बजट 2500 करोड़ से 100 प्रतिशत बढ़कर 5,000 करोड़ रुपए हो गया है। पिछले वित्त वर्ष में खर्च 6000 करोड़ रुपए से बढ़कर 13,000 करोड़ रुपए हो गया है और इस साल बढ़कर 15, 000 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। हमारी उत्तरी सीमाओं पर स्थिति गंभीर बनी हुई है, बीआरओ ने हमारे सुरक्षाबलों के लिए कई रणनीतिक परियोजनाओं को पूरा किया है। जिससे किसी भी सिचुएशन में हमारी सेनाएं जल्द से जल्द मौके पर पहुंच सकें और सिचुएशन को कंट्रोल कर सकें।
बीआरओ ने सड़कें बनाकर कई गांवों को मुख्यधारा से जोड़ा है। लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने जोर देकर कहा कि सड़क विकास की रीढ़ है। एक बार सड़क बन जाने के बाद, बिजली, संचार, स्कूल, अस्पताल और अन्य सुविधाओं सहित संतुलन विकास होता है। इन सड़कों के माध्यम से दूर दराज के गावों में लोगों तक सरकारी योजनाएं पहुंच सकेगी। उन्होंने बताया कि बीआरओ ने पिछले दो वर्षों में अकेले 5000 करोड़ रुपए की 205 परियोजनाओं को समर्पित किया है।
सम्मेलन के हिस्से के रूप में देश भर के कुल 69 फर्म्स भाग ले रहे हैं और अपने उपकरणों का प्रदर्शन कर रहे हैं। बीआरओ कठिन भूभाग के कारण सामने आने वाली चुनौतियों को कम करने के लिए कई विकसित तकनीकों का उपयोग कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप लागत और समय भी कम हो गया है। यह आयोजन बीआरओ की विशिष्ट समस्याओं का समाधान प्रदान करने के लिए फर्म्स द्वारा की गई एक बड़ी पहल है। डीजी ने कहा कि इतिहास में पहली बार है कि इतनी बड़ी संख्या में फर्म्स हमारे साथ जुड़े है।