नाबालिग का पिता विशाल अग्रवाल और क्षतिग्रस्त कार (फोटो: ANI)
सातारा. पुणे पोर्शे कार एक्सीडेंट के मामले में नाबालिग आरोपी को बचाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने नाबालिग के माता-पिता और दादा समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, उनके खिलाफ सातारा जिले में भी कार्रवाई तेज हो गई है। प्रशासन ने महाबलेश्वर में अग्रवाल परिवार के स्वामित्व वाले रिसॉर्ट में अवैध निर्माण को ढहा दिया है।
एक अधिकारी ने बताया कि जिला अधिकारियों ने महाबलेश्वर के मलकम पेठ क्षेत्र में परिवार के स्वामित्व वाले एमपीजी क्लब में अनधिकृत निर्माण को बुलडोजर से गिरा दिया।
प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सातारा के जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी को आदेश दिया था कि अगर रिसॉर्ट अवैध पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। अधिकारी ने बताया कि प्रशासन ने पिछले सप्ताह इस रिसॉर्ट को सील कर दिया था।
गौरतलब है कि पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को एक पोर्श कार ने मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कथित रूप से टक्कर मार दी थी जिससे दोनों की मौत हो गयी थी। पुलिस ने दावा किया है कि यह किशोर नशे की हालत में कार चला रहा था। यह दुर्घटना तब सुर्खियों में आई, जब किशोर को बचाने के लिए काफी प्रयास किए गए। फलस्वरूप उसके पिता और दादा सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
हैरानी करने वाली बात यह थी कि किशोर न्याय बोर्ड ने पहले नाबालिग आरोपी को 15 घंटे के भीतर ही जमानत दे दी थी। बोर्ड ने नाबालिग को 15 दिनों के लिए यरवदा की ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने, दुर्घटना पर 300 शब्दों का निबंध लिखने, शराब छोड़ने के लिए संबंधित डॉक्टर से इलाज करने और मनोचिकित्सकीय परामर्श लेकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा था। इसके बाद सोशल मीडिया पर बोर्ड की काफी आलोचना हुई। (एजेंसी इनपुट के साथ)