दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Palghar News: मुंबई-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग दुर्घटनाओं और ट्रैफिक जाम की बढ़ती संख्या के कारण वाहन चालकों के लिए लगातार खतरनाक होता जा रहा है। मनोर पुलिस स्टेशन की सीमा में आने वाले राजमार्ग पर दुर्घटनाओं और मौतों की संख्या में वृद्धि हुई है। मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग पर सड़क की सफेदी का काम पूरा हो चुका है, लेकिन स्थानीय निवासियों और वाहन चालकों का आरोप है कि काम की घटिया गुणवत्ता के कारण दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है।
राजमार्ग पर दुर्घटनाओं की संख्या के संबंध में मनोर पुलिस स्टेशन के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष (जनवरी से दिसंबर 2024 तक) राजमार्ग पर छोटी और बड़ी मिलाकर 71 दुर्घटनाएँ हुईं। दुर्घटनाओं में 31 लोग गंभीर रूप से घायल हुए और 23 लोगों की मृत्यु हुई। इस वर्ष, जनवरी से अगस्त तक आठ महीनों की अवधि में दुर्घटनाओं की संख्या 80 तक पहुँच गई है। दुर्घटनाओं में मामूली और गंभीर रूप से घायलों की संख्या 48 और मौतों की संख्या 42 है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दुर्घटनाओं और मौतों की संख्या में वृद्धि हुई है।
स्थानीय नागरिकों और वाहन चालकों का कहना है कि अचड़ से घोड़बंदर तक 121 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर घटिया सफेदी कार्य, कई त्रुटिपूर्ण डिज़ाइन और यातायात नियंत्रण की कमी के कारण दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या के कारण मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग खतरनाक होता जा रहा है।
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मनोर, सातीवली, वरई-ढेकले वाघोबा खिंडी के बीच पंद्रह किलोमीटर का इलाका दुर्घटना-प्रधान क्षेत्र बनता जा रहा है। इस क्षेत्र में सबसे ज़्यादा दुर्घटनाएँ हुई हैं। मेंधावन खिंड और वडाखड़कोना स्थित सीएनजी पेट्रोल पंप के सामने सेंट्रल डिवाइडर को काटकर बनाई गई सड़क वाहन चालकों के लिए ख़तरनाक होती जा रही है। वाहन चालकों ने आशंका जताई है कि विपरीत दिशा से आने-जाने वाले वाहनों की सुविधा के लिए बनाई गई यह सड़क, दरअसल दुर्घटनाओं को न्योता बन रही है।