सीएम फडणवीस कैबिनेट बैठक (pic credit; social media)
Maharashtra Cabinet Meeting: मुंबई सहित महाराष्ट्र के कई जिलों में पिछले 4 दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। इससे आम जनता तो परेशान तो है ही, लेकिन अब राज्य सरकार भी टेंशन में पड़ गई है। आसमानी आफत का असर मंगलवार को महायुति सरकार की कैबिनेट बैठक में भी देखने को मिला।
बैठक में उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने बताया कि राज्य में 10 हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसल भारी बारिश के कारण बर्बाद हो गई है। फसलों के नुकसान का जायजा लेकर पंचनामा करने तथा प्रभावित किसानों को मदद उपलब्ध कराने पर बैठक में मंथन किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई सहित सभी जिलों में आपदा प्रबंधन केंद्रों को आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में आम जनता के हित में चार महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। ये निर्णय सीधे स्वास्थ्य सेवा, महिला सशक्तिकरण, भूमि प्रबंधन और सरकारी कर्मचारियों के लिए नौकरियों से संबंधित हैं।
बैठक में मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर के इंटीग्रेटेड आयुर्वेदिक कैंसर क्लिनिक एंड रिसर्च सेंटर को स्टाम्प शुल्क से छूट देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इससे केंद्र में 100 बिस्तरों वाला अस्पताल स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इससे कैंसर के इलाज के लिए आयुर्वेदिक तरीकों का उपयोग करने वाले रोगियों को बहुत राहत मिलेगी। यह निर्णय स्वास्थ्य सेवा को अधिक सुलभ और किफायती बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम होगा।
कोल्हापुर के कस्बा करवीर स्थित सावित्रीबाई फुले महिला सहकारी औद्योगिक कॉलोनी के लिए 2 हेक्टेयर 50 आर भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया गया है। इससे महिला उद्यमियों को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए जगह मिलेगी। यह निर्णय महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देगा और उनके विकास की दिशा में एक ठोस कदम होगा।
मंत्रिमंडल ने सिंधुदुर्ग जिले के वेंगुर्ला-कैंप गवलीवाड़ा स्थित सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को नियमित करने की मंजूरी दे दी है। इससे कई वर्षों से यहां रह रहे निवासियों को राहत मिली है। यह निर्णय मानवीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और कई परिवारों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करेगा।
बैठक में सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में समूह-सी (तकनीकी) संवर्ग के विभिन्न पदों पर 29 दिनों के आधार पर काम करने वाले 17 कर्मचारियों की अस्थायी सेवा को नियमित करने का निर्णय लिया गया है। इससे इन कर्मचारियों की नौकरी स्थिर हो गई है और उन्हें बड़ी राहत मिली है। कुल मिलाकर, ये चार निर्णय राज्य के विकास और लोगों के कल्याण के लिए प्राथमिकता हैं। ये निर्णय सरकार की जन-समर्थक नीतियों को दर्शाते हैं।