नासिक कुंभ मेला (pic credit; social media)
Warning To Kumbh Mela Contractors: सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारियां अब तेज रफ्तार पकड़ चुकी हैं, लेकिन इस बार सिर्फ काम की गति नहीं, उसकी गुणवत्ता और पारदर्शिता भी सरकार की प्राथमिकता में है। कुंभ मेला प्राधिकरण ने भ्रष्टाचार और घटिया काम करने वाले ठेकेदारों पर नकेल कसने के लिए थर्ड पार्टी ऑडिट का बड़ा फैसला लिया है।
5140 करोड़ रुपये के विकास कार्यों में अब किसी तरह की लापरवाही या कमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कुंभ मेला कमिश्नर डॉ. प्रवीण गेडाम ने ठेकेदारों को साफ चेतावनी दी है – “अब जो भ्रष्टाचार करेगा, वो जेल में चक्की पीसेगा।” इस बयान के बाद ठेकेदारों में खलबली मच गई है।
प्राधिकरण ने तय किया है कि सभी कार्य पूरे होने के बाद उनकी गुणवत्ता जांचने के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ संस्था नियुक्त की जाएगी। इसके लिए बाकायदा निविदा (टेंडर) जारी कर दी गई है। इस थर्ड पार्टी ऑडिट से हर निर्माण कार्य की बारीकी से जांच होगी—सड़क, जलस्रोत, पुल या भवन निर्माण कोई भी काम अब बिना गुणवत्ता जांच के पास नहीं होगा।
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डॉ. गेडाम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि काम की हर स्टेज की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाए और सुरक्षित रखी जाए, ताकि किसी भी विवाद की स्थिति में सबूत मौजूद रहें। उन्होंने कहा कि “सार्वजनिक पैसे की बर्बादी या भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कुंभ मेला श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है, इसे गड़बड़ी का अड्डा नहीं बनने देंगे।”
2015 के कुंभ मेले में घटिया काम और भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे। इस बार प्रशासन ने वही गलती दोहराने से बचने के लिए पूरी कार्यप्रणाली को डिजिटल ट्रैकिंग और ऑडिट सिस्टम से जोड़ दिया है। भुगतान भी अब सख्त मानकों के तहत होगा।
कुंभ मेला प्राधिकरण की इस सख्ती के बाद नाशिक में ठेकेदारों और स्थानीय उप-ठेकेदारों में हड़कंप मचा है। कई कंपनियों ने अपने प्रोजेक्ट दस्तावेजों की पुनः जांच शुरू कर दी है। डॉ. गेडाम के इस सख्त रुख ने साफ कर दिया है कि इस बार कुंभ मेले में ‘विकास कार्य’ नहीं, बल्कि ‘ईमानदारी की परीक्षा’ होगी।