यवतमाल न्यूज
Yavatmal News: यवतमाल जिले के महागांव तालुका में मंगलवार को एक घटना सामने आई। तालुका के वाकोड़ी के सरपंच और रोज़गार सेवक ने गांव में सीमेंट-कंक्रीट सड़क की मरम्मत और रखरखाव का काम करने के बजाय एक फ़र्ज़ी बिल पेश किया। यहां के सामाजिक कार्यकर्ता अमजद खान अयूब खान पठान ने मंगलवार को महागांव के समूह विकास अधिकारी के पास लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि वाकोड़ी गांव में ग्राम पंचायत कर्मचारी के रूप में कार्यरत रोज़गार सेवक वशीम पठान और सरपंच शेख यूनुस ने साजिश रचकर पंचायत समिति को एक फर्जी दस्तावेज़ पेश किया और गांव में सीमेंट-कंक्रीट सड़क की मरम्मत किए बिना ही सड़क की मरम्मत का बिल बना दिया। वाकोड़ी गांव में सड़क की मरम्मत का काम हुआ ही नहीं।
रोजगार सेवक और सरपंच ने काम होने के दस्तावेज दिखाकर 15वें वित्त आयोग की निधि से लाखों रुपए का गबन करने की साजिश रची थी। शिकायत में कहा गया है कि पिछली बार महागांव पंचायत समिति में कार्यरत समूह विकास अधिकारी ज्ञानेश्वर टकरास और संबंधित काम के इंजीनियर के एक ही पेन से एमबी पर जाली हस्ताक्षर कर सरकार को गुमराह करने की कोशिश की गई थी।
रोजगार सेवक और सरपंच ने काम का भुगतान लेने की नीयत से झूठे हस्ताक्षरों के साथ एमबी को संबंधित विभाग को कल जमा कर दिया। 15वें वित्त आयोग की निधि से 1 लाख 56 हजार का बिल प्राप्त करने के लिए दस्तावेज जमा किए गए थे। उक्त एमबी पर समूह विकास अधिकारी ज्ञानेश्वर टकरास के हस्ताक्षर नहीं थे, बल्कि वाकोड़ी ग्राम पंचायत में कार्यरत रोजगार सेवक वशिम पठान के हस्ताक्षर थे और एक अधिकारी के जाली हस्ताक्षर करना बहुत गंभीर मामला है।
यह भी पढ़ें – सोना-चांदी की कीमतें हुईं बेकाबू, पुराने रिकॉर्ड हुए ध्वस्त, पिछले 8 दिनों में GST ने बिगाड़ा खेल
शिकायत के अनुसार, 15वें वित्त आयोग की राशि को गुमराह करने और हड़पने की साजिश सरपंच और रोजगार सेवक ने रची थी। अमजदखान पठान ने कहा है और उनकी सतर्कता के कारण मामला प्रकाश में आया। अधिकारियों के जाली हस्ताक्षर करके गंभीर अपराध किया गया है।
इसलिए दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए मंगलवार को जिलाधिकारी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी यवतमाल, तहसीलदार महागांव को एक ज्ञापन प्रस्तुत किया गया और संबंधितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई।