बाला साहेब ठाकरे आपला दवाखाना (pic credit; social media)
Balasaheb Thackeray Aapla Dawakhana: शिंदे सरकार की ‘आपला दवाखाना’ योजना का हाल अब खुद बीमार नजर आने लगा है। कांदिवली के पोईसर में बना ‘बालासाहेब ठाकरे आपला दवाखाना’ गंदगी, मच्छरों और सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है। हाल ये है कि यहां इलाज कराने आने वाले मरीज खुद बीमार होकर लौट रहे हैं।
मरीजों का कहना है कि दवा लेने आते हैं, लेकिन शाम होते ही मच्छरों का तांडव शुरू हो जाता है। खांसी-जुकाम की दवा लेने आए लोग मलेरिया का शिकार बन रहे हैं। डॉक्टर की केबिन में भी पानी भरा रहता है। न सफाई होती है, न मच्छर मारने की व्यवस्था। दवाखाना में फैली गंदगी से मच्छर जनित बीमारियों का खतरा हर दिन बढ़ता जा रहा है।
हिंदुस्तान सेवा संस्था के उपाध्यक्ष योगेश मिश्रा ने बताया कि उन्होंने इस पूरे मामले की शिकायत स्वास्थ्य विभाग से की थी। अधिकारी कोमल ने एक हफ्ते में समस्या सुलझाने का आश्वासन दिया था, लेकिन 90% परेशानी अब भी जस की तस बनी है।
इसे भी पढ़ें- Nagpur News: सरकारी दंत अस्पताल में अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर और सिमुलेशन लैब का उद्घाटन
दवाखाने के डॉक्टर अक्षय वीर ने बताया कि उन्होंने खुद अधिकारियों को अस्पताल की दयनीय हालत की जानकारी दी, लेकिन कार्रवाई की बजाय उन्हें ही निलंबित करने की धमकी दे दी गई। उन्होंने कहा कि “हम डॉक्टर और स्टाफ खुद मलेरिया जैसी बीमारियों से पीड़ित हो गए हैं। पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है। बीएमसी की गाड़ी महीनों तक मेडिकल कचरा नहीं उठाती।”
मरीज संजय वर्मा ने बताया, “मुझे सिरप तीन दिन का चाहिए था, पर एक दिन का ही मिला। दवाइयों का स्टॉक खत्म है। मजबूरी में बाहर से खरीदना पड़ता है। शाम होते ही मच्छरों से बचना मुश्किल हो जाता है।”
दवाखाने में न पीने का साफ पानी है, न साफ-सफाई। प्यूरीफायर और टंकी धूल फांक रहे हैं। मेडिकल वेस्ट उठाने बीएमसी महीनों लगाती है। अगस्त 2025 में हिंदुस्तान सेवा संस्था ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा था, लेकिन कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया।
पोईसर का ‘आपला दवाखाना’ अब जनता की सेवा का नहीं, बल्कि प्रशासन की लापरवाही का प्रतीक बन चुका है। यहां इलाज के लिए नहीं, बल्कि बीमार पड़ने का खतरा लेकर जाना पड़ता है।