नासिक में गैंगवार से दहशत! गैंगस्टर सागर जाधव पर जानलेवा हमला, 11 गिरफ्तार
Nashik News: नासिक के पेठ रोड स्थित राहुलवाड़ी में गैंगस्टर सागर जाधव पर गोली चलाकर उसे मारने की कोशिश करने के मामले में पंचवटी पुलिस ने 14 में से 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि यह हमला किरण निकम की हत्या का बदला लेने के लिए किया गया था। ‘निकम गैंग की बी टीम’ पिछले छह सालों से सागर जाधव पर नजर रखे हुए थी। वाघमारे दाजी के अंतिम संस्कार के तुरंत बाद, मंगलवार रात करीब 1 बजे, उन्होंने सागर पर गोली चलाई। लेकिन इस हमले को अंजाम देने वाले विकी और विकास वाघ अभी भी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
इस हमले के बाद, पंचवटी पुलिस के साथ-साथ गुंडा विरोधी दस्ते और भद्रकाली पुलिस के अपराध जांच दल ने मंगलवार रात से ही तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान, पुलिस ने 11 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान निलेश बालू पवार (27), आकाश राहुल निकम (24), रोशन राजेंद्र अहिरे (30), सचिन मोतीराम गांगुर्डे (21), इरफान सागीर खाटीक (44), आकाश उर्फ बंटी राजेंद्र दोंदे (30), आदित्य दिनेश अहिरे (22), नितिन रमेश खलसे (32), साहिल फिरोज शेख (21), भारत मुंकुद कंकाळ (25) और योगेश भीमराव जाधव (29) के रूप में हुई है।
पुलिस उपायुक्त किशोर काले और वरिष्ठ निरीक्षक गजेंद्र पाटिल ने बताया कि विकी, विकास वाघ, अमोल पारे उर्फ बबल्या और अन्य साथी फरार हैं और उनकी तलाश जोर-शोर से की जा रही है।
यह बात सामने आई है कि यह हमला पंचवटी के पेठ रोड पर 2017 में उघडे गैंग द्वारा की गई गैंगस्टर किरण निकम की हत्या का बदला लेने के लिए किया गया था। सागर जाधव को हालांकि इस मामले से कोर्ट ने बरी कर दिया था, लेकिन हमलावरों को शक था कि वह इस हत्या में शामिल था, और इसीलिए उन्होंने उस पर नजर रखी हुई थी। गोली चेहरे पर लगने के बावजूद, किस्मत से सागर की जान बच गई। फुलेनगर और नवनाथनगर इलाके में यह चर्चा है कि अगर सागर की मौत हो गई होती तो कुछ हमलावर खुद ही पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर देते।
यह भी पढ़ें- आयुष कोमकर हत्याकांड: आंदेकर गिरोह से 50 लाख रुपये और बरामद, 27 खाते फ्रीज
‘सागर को खत्म करना है’ इस मकसद से 15 से ज्यादा संदिग्धों ने कई बार बैठकें और मुलाकातें कीं। उन्होंने योजना बनाई कि उसे कैसे और कहां घेरकर मारना है। कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) से पता चला है कि संदिग्ध लगातार एक-दूसरे के संपर्क में थे। कुछ संदिग्धों ने सागर को मारने के लिए फोन पर बातचीत की। अन्य लोगों ने हमलावरों को भागने के लिए रिक्शा और बाइक उपलब्ध कराई। कुछ लोगों ने पिस्तौल और कोयता (चाकू) लाकर दिए, जबकि कुछ ने संदिग्धों को भागने में मदद की, जिसके आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया।