कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के साथ समझौता (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नाशिक: राज्य सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में अनुसंधान और सहयोग के लिए कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में विधान भवन के कैबिनेट सभागृह में आयोजित इस कार्यक्रम में कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों और विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इससे ऊर्जा क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
इस वक्त ऊर्जा राज्य मंत्री मेघना बोर्डिकर, ऊर्जा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव आभा शुक्ला, महावितरण के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक लोकेश चंद्र, महानिर्मिति के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राधाकृष्ण बी, महापारेषण के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संजीव कुमार उपस्थित थे। समझौता ज्ञापन पर शुक्ला और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के वरिष्ठ सलाहकार मोहित भार्गव ने हस्ताक्षर किए।
इस समझौते से महाराष्ट्र में ऊर्जा क्षेत्र में अनुसंधान, तकनीकी नवाचार और नीतिगत सहयोग को गति मिलेगी। स्वच्छ, विश्वसनीय और किफायती ऊर्जा आपूर्ति, ऊर्जा भंडारण समाधान, बिजली बाजार डिजाइन, ग्रिड ट्रांसमिशन प्रणाली में सुधार, जलवायु अनुकूलन नीतियों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के क्षेत्रों में संयुक्त कार्य किया जाएगा। महाराष्ट्र सरकार और कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय के बीच यह समझौता आपसी विश्वास, समानता और सामूहिक हित के सिद्धांतों पर आधारित है, जिसमें ऊर्जा क्षेत्र में राज्य की बदलती ज़रूरतों को पूरा करने के लिए स्थानीय समाधान विकसित करने पर ज़ोर दिया गया है।
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यह समझौता लचीला है, जिससे भविष्य की परियोजनाओं के आधार पर भविष्य में सहयोग के द्वार खुले रहते हैं। ऊर्जा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव आभा शुक्ला ने कहा कि यह समझौता महाराष्ट्र के शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान केंद्रों और प्रशासन को नवाचार, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करेगा। इससे पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ ऊर्जा की दिशा में राज्य की सफर और तेज़ होगी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय जैसे संस्थान के साथ सहयोग से महाराष्ट्र में ऊर्जा क्षेत्र में विश्वस्तरीय अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। यह समझौता ज्ञापन ऊर्जा भंडारण, बिजली बाज़ार, पारेषण प्रणाली और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान, ज्ञान आदान-प्रदान और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देगा। स्वच्छ, विश्वसनीय और टिकाऊ ऊर्जा की दिशा में सहयोग का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है।