लिंगायत की उपजातियां OBC में शामिल (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nashik News: महाराष्ट्र के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री छगन भुजबल ने कहा है कि महात्मा बसवेश्वर भारत के पहले समाजवादी विचारक थे, जिन्होंने समानता पर आधारित सामाजिक व्यवस्था का स्वप्न देखा था। उन्होंने कहा कि उनकी शिक्षाओं ने सामाजिक सुधार को एक नई दिशा दी। भुजबल ने यह भी घोषणा की कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने लिंगायत समुदाय की उपजातियों को ओबीसी में शामिल करने की सिफारिश की है, और जल्द ही इस पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
भुजबल नाशिक रोड स्थित माहेश्वरी भवन में जागर लिंगायत प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित एक बैठक में बोल रहे थे। भुजबल ने महात्मा बसवेश्वर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे एक महान संत और विचारक थे, जिन्होंने भक्ति, समानता, श्रम की गरिमा और स्त्री-पुरुष समानता का समर्थन किया। उन्होंने समुदाय से महात्मा बसवेश्वर महाराज के विचारों की विरासत को एकता, ईमानदारी और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि लिंगायत समुदाय महाराष्ट्र के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास का एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। मंत्री भुजबल ने बताया कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने हाल ही में लिंगायत समुदाय की उपजातियों को ओबीसी में शामिल करने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्तर पर अनुवर्ती कार्रवाई करके जल्द ही इन सभी उपजातियों को ओबीसी में शामिल किया जाएगा। जातिवार जनगणना कराने के निर्णय का भी स्वागत किया और समुदाय के सभी सदस्यों से जनगणना में भाग लेने की अपील की।
भुजबल ने कहा कि आज की दुनिया में शिक्षा के बिना प्रगति संभव नहीं है। उन्होंने युवाओं से उच्च शिक्षा, तकनीक और व्यापार में आगे बढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने के लिए नहीं है, बल्कि कौशल, विचार क्षमता और आत्मनिर्भरता पैदा करने के लिए होनी चाहिए। भुजबल ने एआई जैसी नई तकनीकों को अधनाने पर जोर दिया और कहा कि आज की दुनिया में ज्ञान ही असली धन है।
उन्होंने कहा कि महात्मा बसवेश्वर ने बहुत पहले ही लैंगिक समानता का विचार दिया था। और महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता, शिक्षा और नेतृत्व में आगे लाना आवश्यक है। इस अवसर पर लिंगायत समुदाय के वरिष्ठ नेता बद्रीनाथ वालेकर, प्रकाश साबरे, भीकन फतरफोड़े और अन्य सदस्य उपस्थित थे।