नासिक जिला परिषद (सौ. सोशल मीडिया )
Nashik News In Hindi: मिनी मंत्रालय कहे जाने वाले नासिक जिला परिषद चुनाव के लिए आरक्षण की घोषणा होते ही चुनावी अखाड़े में हलचल तेज हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के मंत्री, विधायक और सांसद अब अपने उत्तराधिकारियों को चुनावी अखाड़े में उतारने की तैयारी कर रहे हैं।
कई जनप्रतिनिधियों ने इसके लिए समूहों (गुटों) को परखना भी शुरू कर दिया है। साढ़े तीन साल से प्रतीक्षित जिला परिषद समूह आरक्षण की घोषणा पिछले हफ्ते हुई थी। समूह आरक्षित या खुले होने से जहाँ कुछ प्रत्याशियों के लिए जि।प। के द्वार बंद हो गए हैं, वहीं कई प्रत्याशी खुशी से झूम उठे हैं।
चूंकि मिनी-मंत्रालय ही विधानसभा चुनाव में पहुँचने का रास्ता माना जाता है, इसलिए जिले के आधा दर्जन से अधिक जनप्रतिनिधि अपने रिश्तेदारों को मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे है। मंत्री नरहरि झिरवाल के बेटे गोकुल झिरवाल (दिडोरी, अहिवंतवाड़ी समूह से सभावित), सांसद भारकर भगरे की पत्नी लक्ष्मीबाई भगरे (दिडोरी, खेड़गांव समूह से संभावित), विधायक नितिन पवार की पत्नी और पूर्व अध्यक्ष जयश्री पवार (कलवन समूह से उम्मीदवारी तय), उनके बेटे ऋषिकेश पवार सुरगाणा के हट्टी गुट से किस्मत आजमा सकते है।
विधायक हीरामन खासकर के पुत्र (नासिक, गिरनारे गुट से चुनाव लड़ेगे)। पूर्व विचायक निर्मला गावित की पुत्री और मंत्री कोकाटे की पुत्री सीमंतिनी कोकाटे (सिन्नर, सोमठाणे गुट से दूसरी बार), विधायक सुहास कांदे की पत्नी अंजुम कांदे (नांदगाव, साकोरा गुट) और भतीजे ज्ञानेश्वर कांदे (कलवाड़ी गुट) से संभावित।
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नांदगांव तहसील से पूर्व विधायक संजय पवार के पुत्र और पूर्व विधायक अनिल आहेर के पुत्र दर्शन आहेर भी तैयारी कर रहे हैं। विधायक किशोर दराडे के भतीजे और पूर्व विधायक नरेंद्र दराडे के पुत्र कुणाल दराडे येवला तहसील के मुखेड़ गुट से उम्मीदवार बनने की कोशिश कर रहे हैं। पूर्व विधायक काशीनाथ मेंगाल के बेटे प्रमीद मेंगाल के भी चुनाव लड़ने की संभावना है। इस चुनाव में अब इस बात पर सबकी नजर है कि कौन से उत्तराधिकारी मिनी मंत्रालय तक पहुंचने में सफल होते हैं।