नागपुर महानगर पालिका कार्यालय (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nagpur Polling Station: 2017 में हुए नगर निगम चुनावों के बाद से नागपुर में मतदाताओं की संख्या लगभग एक लाख तक बढ़ गई है। 2012 के नगर निगम चुनाव और 2024 के विधानसभा चुनावों के बीच शहर में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 19.09 लाख से बढ़कर 23.65 लाख हो गई है। यह लगभग 24% की वृद्धि है। इस पृष्ठभूमि में आगामी चुनाव से पहले नगर निगम के सामने मतदान के लिए बुनियादी ढांचे का विस्तार करने की एक बड़ी चुनौती है।
मतदाताओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए महानगर पालिका प्रशासन को लगभग 3,000 मतदान केंद्र स्थापित करने पड़ रहे हैं। हालांकि अब तक केवल 2,600 मतदान केंद्र ही निर्धारित किए जा सके हैं।
अधिकारियों ने बताया है कि चुनाव आयोग के मानदंडों को पूरा करने और सुचारु मतदान सुनिश्चित करने के लिए कम से कम 400 और मतदान केंद्रों की आवश्यकता है। स्थलों की तलाश की जा रही है और यदि वहां पानी की व्यवस्था, शौचालय, बिजली आदि जैसी सुविधाएं नहीं हैं तो उन्हें उपलब्ध कराना होगा।
2025 के नगर निगम चुनाव के लिए पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 1 जुलाई तक 24.84 लाख से ऊपर चली गई है। 2017 के चुनाव में यह संख्या 23.83 लाख थी। मतदाताओं में यह वृद्धि न केवल नागपुर मनपा की अस्थायी तैयारियों के लिए चुनौतीपूर्ण है बल्कि यह शहर में राजनीतिक दलों के अस्तित्व को भी नया आकार देगी। इसलिए राजनीतिक दलों को भी बढ़े हुए मतदाताओं का डर रहेगा।
एक दशक में 4.5 लाख से अधिक मतदाताओं की वृद्धि ने सभी प्रमुख दलों को अपनी प्रचार रणनीति को फिर से तैयार करने और मतदाताओं के साथ फिर से संपर्क स्थापित करने के लिए मजबूर कर दिया है।
नियमों के अनुसार केवल सरकारी या अर्ध-सरकारी इमारतों का ही मतदान केंद्र के रूप में उपयोग किया जा सकता है। प्रत्येक स्थान पर शौचालय, पीने का पानी, विकलांगों के लिए रैंप जैसी मूलभूत सुविधाएं होना आवश्यक है। इसके अलावा प्रवेश को आसान बनाने के लिए उन्हें भूतल पर होना चाहिए।
यह भी पढ़ें:- अब वाट्सएप-टेलीग्राम और ईमेल से भी आएगा समन, हाई कोर्ट का फैसला, सिविल मामलों में होगा उपयोग
मनपा के अधिकारियों के अनुसार इन शर्तों को पूरा करने वाले पर्याप्त परिसरों को निर्धारित करना सबसे बड़ी चुनौती है, खासकर घनी आबादी वाले क्षेत्रों और पुरानी बस्तियों में जहां सार्वजनिक बुनियादी ढांचा सीमित है।
2022 में महाविकास आघाड़ी सरकार के अल्पकालिक कार्यकाल के दौरान नई वार्ड पुनर्रचना की प्रक्रिया शुरू की गई थी। उस समय कुल मतदाताओं की संख्या 22,33,866 थी। 2024 के विधानसभा चुनाव तक यह आंकड़ा 23,65,998 तक पहुंच गया। केवल 2 वर्षों में 1.32 लाख से अधिक की वृद्धि हुई।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस कारण प्रत्येक वार्ड में औसतन 10,000 से 15,000 मतदाताओं की वृद्धि हुई है। इससे उम्मीदवारों के लिए मतदाताओं तक पहुंचने की चुनौती काफी बढ़ गई है।
मनपा प्रशासन दिवाली समाप्त होने के बाद मतदान केंद्र निर्धारित करने की प्रक्रिया को तेज़ करने की योजना बना रहा है। वार्ड आरक्षण की लॉटरी पूरी होने के बाद अधिकारी व्यक्तिगत मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की मैपिंग शुरू करेंगे। हालांकि अब तक की तैयारी की गति को देखते हुए आचार संहिता लागू होने से पहले इस काम को पूरा करने के लिए नगर निगम के चुनाव विभाग को अतिरिक्त प्रयास करने पड़ेंगे।