UBT नेता अनिल गोटे (pic credit; social media)
Fake Voters in Nashik: धुलिया में सोमवार को पूर्व विधायक और शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता अनिल गोटे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा धमाका किया। गोटे ने आरोप लगाया कि धुलिया सिटी विधानसभा चुनाव में 45 हजार फर्जी वोट डाले गए और लोकतंत्र की खुलेआम हत्या की गई। उन्होंने कहा कि ईवीएम से पैदा हुए नेता गैरकानूनी धंधों को बढ़ावा दे रहे हैं।
गोटे ने भाजपा पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि धुलिया की राजनीति में अब “कोट चोर” हावी हैं। उन्होंने चेतावनी दी- अब गांठ बांध लो, ये गबन छोड़ दो, वरना परमेश्वर भी बचा नहीं पाएगा।” इस बयान से शहर का सियासी माहौल गर्म हो गया है।
गोटे का कहना है कि उनकी टीम ने जांच में 27 हजार ऐसे नाम पकड़े जो डुप्लिकेट थे। एक ही नाम से 2 से 6 वोटरों तक दर्ज पाए गए। आरोप है कि बीएलओ को फर्जी वोटर बनाने के लिए 20 हजार रुपये तक की रिश्वत दी गई। उन्होंने तत्कालीन जिलाधिकारी जितेंद्र पापलकर पर भी सवाल उठाए और कहा कि शिकायत के बावजूद 10 महीने तक जांच शुरू नहीं की गई।
गोटे ने व्यंग्य किया कि धुलिया में मृतक भी स्वर्ग से आकर वोट डालने लगे। वहीं, शहर छोड़ चुके लोग “भूत” बनकर मतदान करने आए। उन्होंने दावा किया कि पिछले 15 सालों में सिर्फ 40% मृतकों के नाम हटाए गए, जबकि बाकी 60% नामों से फर्जी वोटिंग होती रही।
गोटे ने कहा कि धुलिया में 58 हजार मुस्लिम वोटर हैं। यदि 100% वोटिंग मानें तो अधिकतम 58 हजार वोट ही बनते, लेकिन फारूक अनवर शाह को 70,788 वोट मिले। सवाल उठाया कि अतिरिक्त 12,877 वोट कहां से आए?
गोटे ने मंत्री गिरीश महाजन पर भी हमला बोला और आरोप लगाया कि उनके दबाव में जिलाधिकारी का तबादला कराया गया। उन्होंने दावा किया कि एक कम्प्यूटर एक्सपर्ट को 2 करोड़ रुपये देकर वोटिंग में हेरफेर कराया गया और रकम सफेद ओमनी वैन से पहुंचाई गई।
गोटे ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर तंज कसते हुए कहा – “पूरी भाजपा का जन्म चुनावी मशीन से हुआ है और यही लोकतंत्र की हत्या है।” उन्होंने कहा कि सारे सबूत ईमेल के जरिए चुनाव आयोग और सरकार को भेजे गए हैं।
धुलिया में गोटे के इन आरोपों ने सियासी भूचाल ला दिया है। अब प्रशासन और चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।