नाफेड के प्याज की बिक्री से नाराज किसान (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nashik News: पिछले एक महीने से गर्मी के प्याज (गांवठी) की कीमतों में लगातार गिरावट आ रही है। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा नाफेड का प्याज बाजार में बेचने के फैसले से नाराज प्याज उत्पादक किसानों और रयत किसान संगठन के कार्यकर्ताओं ने उमराणे में नाफेड के प्याज ले जा रहे ट्रकों को रोककर ‘गांधीगिरी’ आंदोलन किया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि नाफेड के प्याज की ढुलाई जारी रही तो वे ट्रकों को आग लगा देंगे। आगामी समय में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने नाफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से प्याज खरीदा था लेकिन पिछले एक महीने से गर्मी के प्याज की कीमतें बढ़ने के बजाय घटकर 500 से 1000 रुपये प्रति क्विंटल तक आ गई हैं।
नतीजतन, इस उम्मीद में कि आने वाले दिनों में कीमतें बढ़ेंगी, किसानों ने जो प्याज गोदामों में रखा था, वह खराब होने लगा है।वर्तमान में मिल रहे भाव को देखते हुए, प्याज से मुनाफा तो दूर, उत्पादन का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। ऐसे में जब सरकार को कीमतों को बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए, तो उसने जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा काम किया है। सरकार ने नाफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से खरीदे गए प्याज को बाजार में उतार दिया है, जिससे प्याज की कीमतें और गिरने की संभावना है।
नाफेड के प्याज को बाजार में जाने से रोकने के लिए शुक्रवार 19 सितंबर की रात करीब 8 बजे, प्याज उत्पादक किसानों और रयत किसान संगठन के कार्यकर्ताओं ने मनमाड रोड पर फ्लाईओवर के पास प्याज से भरे ट्रकों को रोक दिया। उन्होंने ट्रक ड्राइवरों और मालिकों को गुलाब के फूल और शाल-श्रीफल देकर अनोखा ‘गांधीगिरी’ आंदोलन किया।
इस दौरान रयत क्रांति किसान संगठन और शरद जोशी प्रेरित किसान संगठन के कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि कल से सभी ट्रांसपोर्ट और ट्रक ड्राइवर नाफेड के प्याज की ढुलाई न करें, अन्यथा वे प्याज से भरे ट्रकों को आग लगा देंगे। आंदोलन में रयत किसान संगठन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक पगार, जिला अध्यक्ष प्रवीण अहिरे, केशव सूर्यवंशी, तालुका अध्यक्ष मयूर नेरकर, उपाध्यक्ष विट्ठल महाजन, देविदास अहिरे, कार्याध्यक्ष भास्कर बागुल समेत क्षेत्र के कई प्याज उत्पादक किसान शामिल थे।
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इन संगठनों ने यह भी चेतावनी दी कि “आज तो ‘गांधीगिरी’ की है, लेकिन अगर नाफेड की प्याज की बिक्री जारी रही तो अगला आंदोलन और भी उग्र होगा। उमराणे और खारीफाटा में बाजार समितियां होने के कारण, नाफेड और एनसीसीएफ ने इस क्षेत्र में बड़ी मात्रा में प्याज का भंडारण किया है। वर्तमान में इस प्याज का कुछ हिस्सा बिक्री के लिए निकाला गया है और ट्रकों के माध्यम से इसे मनमाड और लासलगांव रेलवे स्टेशनों तक पहुंचाया जा रहा है। इसी कारण प्रदर्शनकारियों ने उमराणे में मनमाड रोड पर फ्लाईओवर के पास प्याज से भरे ट्रकों को रोककर ‘गांधीगिरी’ आंदोलन किया।