DPC फंड पर बवाल ! (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nashik District: नासिक जिले को भले ही अभी तक कोई पालक मंत्री नहीं मिला है, लेकिन जिला नियोजन समिति (DPC) के फंड के बंटवारे को लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। जहाँ एक ओर फंड का वितरण जिले के 15 विधायकों में लगभग समान रूप से किया गया है, वहीं जिले के तीनों सांसदों को इस पूरी प्रक्रिया से पूरी तरह बाहर रखे जाने से उनमें तीव नाराजगी है।
जिला नियोजन समिति की सामान्य योजनाओं के लिए सरकार से कुल 200 करोड़ रुपये का फंड प्राप्त हुआ है, जिसमें से वार्षिक नियोजन लगभग 100 करोड़ रुपये के करीब होता है। आमतौर पर इस पूरे फेड का नियोजन पालक मंत्री द्वारा किया जाता है। लेकिन, जिले में पालक मंत्री न होने के कारण उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार की उपस्थिति में मंत्रालय में जिला नियोजन समिति की बैठक हुई।
इस बैठक में फंड का समान वितरण करने का निर्णय लिया गया, जिसके तहत जिले के सभी 15 विधायकों को समान फंड मिला। विधायकों से उनके काम के अनुसार सूचियां मांगी गई, जिन्हें सीधे जिला कलेक्टर कार्यालय ने संबंधित विभागों को भेजकर नियोजन करने के निर्देश दिए हैं। इस फेड वितरण में नासिक, दिंडोरी और धुलिया लोकसभा क्षेत्रों के तीनों सांसदों को एक रुपये का भी फंड नहीं मिला है,
जिससे वे आक्रोशित हैं। सांसद भास्कर भगरे ने इस पर तीव्र नाराजगी व्यक्त की है। यह समस्या केवाल नासिक की नहीं, बल्कि राज्य भर के सांसदों की यही स्थिति है। इसलिए सभी सांसद अब एकजुट होकर सीधे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने वाले हैं। सांसद भगरे ने बताया है कि अगले सप्ताह मुख्यमंत्री से मिलने का समय लिया जाएगा और फंड के इस असमान वितरण पर अपना विरोध जताया जाएगा। सांसदों का तर्क है कि वे भी निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं और उन्हें विकास कार्यों के लिए फंड मिलना चाहिए।
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जिला नियोजन समिति से जिले की 11 नगर पालिकाओं के लिए 66 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस फंड में दलित बस्ती सुधार योजना, नगरोत्थान के काम और समाज कल्याण विभाग के तहत आने वाले काम और योजनाएं शामिल है। इसके अलावा, सभी छह नगर पंचायतों के लिए भी सामान्य और आदिवासी वार्षिक योजनाओं से विभिन्न मों के तहत फंड का वितरण किया गया है।
यह फंड केवल सामान्य विकास कार्यों के लिए नहीं है, बल्कि इसे विशेष रूप से केंद्रित किया गया है। इस योजना के तहत फंड मिलने से पिछड़े और दलित बस्तियों में बुनियादी सुविधाओं, सड़को और स्वच्छता के कार्यों को प्राथमिकता मिलेगी, इसका उद्देश्य नगर पालिकाओं की समग्र संरचना और सुविधाओं में सुधार लाना है। समाज के कमजोर वर्गों से जुड़ी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को भी इसी फंड से समर्थन मिलेगा, इसके अलावा, जिले की सभी छह नगर पंचायतों को भी सामान्य और आदिवासी वार्षिक योजनाओं के तहत विभिन्न मदों से फंड का वितरण कियख गया है।