त्र्यंबकेश्वर मंदिर (pic credit; social media)
Trimbakeshwar Entry Fee Cancelled: लाखों श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने त्र्यंबकेश्वर में आने वाले यात्रियों से वसूले जाने वाले प्रवेश शुल्क को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। पिछले कई वर्षों से यह शुल्क स्थानीय नगरपालिका के लिए राजस्व का प्रमुख स्रोत था, लेकिन इसके चलते श्रद्धालुओं को बार-बार उत्पीड़न और ठेकेदारों की मनमानी का सामना करना पड़ रहा था।
श्रद्धालुओं और पत्रकारों के साथ बदसलूकी की लगातार शिकायतें सामने आ रही थीं। ठेकेदार के कर्मचारियों की गुंडागर्दी से न सिर्फ यात्रियों में नाराजगी थी, बल्कि इससे धार्मिक स्थल त्र्यंबकेश्वर की पवित्र छवि भी धूमिल हो रही थी। मामला गंभीर होता देख उपमुख्यमंत्री शिंदे ने हस्तक्षेप किया और तुरंत प्रवेश शुल्क रद्द करने का आदेश जारी किया।
उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि नगर पालिका को इस निर्णय से किसी तरह का आर्थिक नुकसान न हो। शिंदे ने स्पष्ट किया कि त्र्यंबकेश्वर नगरपालिका को हर साल प्रवेश शुल्क से प्राप्त होने वाली 1 करोड़ 8 लाख रुपये की राशि की भरपाई राज्य सरकार नगरीय विकास विभाग के माध्यम से करेगी। इसके लिए उन्होंने नगरपालिका को तत्काल प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं।
राज्य मंत्री दादा भुसे ने भी इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया था। उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल श्रद्धालुओं के सम्मान की रक्षा करता है, बल्कि प्रशासन की संवेदनशीलता को भी दर्शाता है। इस फैसले से न केवल त्र्यंबकेश्वर बल्कि पूरे नाशिक जिले में सकारात्मक माहौल बना है।
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने इस मौके पर नाशिक के लिए कई विकासात्मक योजनाओं की भी घोषणा की। सिडको क्षेत्र की भूमि को फ्रीहोल्ड करने का निर्णय लिया गया है, जिससे नागरिकों को मालिकाना हक मिलेगा। साथ ही नगर परिषद को निर्देश दिया गया है कि सामुदायिक भवन, मंदिर, व्यायामशालाएं और पुस्तकालय जैसी सुविधाएं सामाजिक संगठनों को मामूली दर पर दी जाएं।
इसके अलावा शहर की सड़कों को गड्ढा-मुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान शुरू करने का भी आदेश दिया गया है। शिंदे ने कहा — श्रद्धालुओं की सुविधा और नाशिक के विकास में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।