सिटी में 3 दिनों से जारी बारिश ने एनएमआरडी क्षेत्र में कहर बरपा दिया है। इस बार सिटी से ज्यादा जलजमाव नये-नये बसने वाले क्षेत्रों में ही देखने को मिला है। इन क्षेत्रों में सीवर लाइन की कमी, प्लानिंग के बगैर विकास, सीमेंट की ऊंची-ऊंची सड़कों ने त्राहिमाम मचा दिया है।
नागपुर में 60 घंटों की भारी बारिश (सौजन्य-नवभारत)

नागपुर में हुई लगातार बारिश ने एनएमआरडीए की कार्यशैली की पोल खोलकर रख दी है। आने वाले दिनों के लिए चुनौतियां भी पेश कर दी हैं। एनएमआरडीए के अधिकारियों की रणनीति पूरी तरह से फेल हो गई है। कलेक्टर विपिन इटनकर ने भी स्थिति का जायजा लिया।

कामठी रोड पर स्थित पीली नदी से आगे उप्पलवाड़ी रेलवे अंडर ब्रिज के नीचे करीब एक फीट पानी देखा गया। ऑटोमोटिव चौक तो पूरी तरह से पानी से लबालब देखा गया।

एयरपोर्ट समेत अन्य जगहों पर कुछ सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए गए थे ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके। अंदर के भागों में जगह-जगह जलजमाव देखा गया। बस्तियों में पानी भर गया और कई लोगों के घरों में पानी घुस गया। इससे भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

हालात इतने बिगड़े कि एनडीआरएफ को न्यू नरसाला हुड़केश्वर, विहिर गांव और कामठी के पांदुर्णा गांव में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा। नाव की मदद से 17 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। कलमेश्वर में जलभराव के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई।

मनपा आयुक्त अभिजीत चौधरी ने बताया कि भले ही स्थिति नियंत्रण में हो लेकिन इसी तरह से लगातार बारिश जारी रही तो स्थिति पर नियंत्रण के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों की मदद ली जाएगी। आयुक्त अभिजीत चौधरी ने बताया कि अग्निशमन कर्मियों ने शहर और आसपास के इलाकों में बचाव अभियान चलाकर बारिश के कारण जलमग्न हुए इलाकों से 56 से ज़्यादा नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला है।

कन्हान नदी का जल स्तर बढ़ जाने के कारण हालत धीरे-धीरे गंभीर होते जा रहे हैं। तहसील में तीन दिनों से शुरू बारिश के कारण गोंडेगांव पुरानी बस्ती का संर्पक टेकाड़ी कोयला खदान पूरी तरह से टूट गया है।

जमना माता मंदिर बिनाकी में पानी घुस गया। मार्ग में पानी-पानी हो गया था जिसके कारण लोगों को पहुंचने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सुबह 6 बजे मंगेश सातपुते और शेख शहनवाज तुरंत मंदिर में पहुंचे और वहां पहुंचकर नागपुर महानगरपालिका के कर्मचारी और फायर बिग्रेड के कर्मचारियों के साथ मिलकर पानी निकाला।

पिछले 60 घंटों से नागपुर में जारी मूसलाधार बारिश ने बुधवार सुबह से पूरे शहर को अस्त-व्यस्त कर दिया। जलभराव, सड़क जाम, गड्ढों और नालियों के उफान से आम नागरिक हलकान रहे। इसी बीच पटरियों पर पानी होने के बावजूद नागपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का परिचालन सुचारु रूप से जारी रहा। प्लेटफॉर्म से पहले ही लोको पायलट द्वारा ट्रेन को बेहद धीमे कर आगे बढ़ाया जा रहा था।

नागपुर में कई जगहों पर वाहनों के आवागमन के लिए बने अंडरपास भी पानी से लबालब हो गए। इनमें से पानी निकालने के लिए प्रशासन जद्दोजहद में लगी हुई है।

तेज बारिश के कारण सेवासदन स्कूल के पीछे पंचशील चौक पर नाले के पास बनी दीवार ढह गई। इसके बाद लोगों में भी डर का माहौल छा गया।

क्या पुराने और क्या नये, एक बारिश में आरयूबी की प्लानिंग धरी की धरी रह जाती है। नरेंद्रनगर, लोहापुल, मनीषनगर आरयूबी बारिश और पानी जमा होने का पर्याय बन चुके हैं। अब नये बने आरयूबी भी उन्हें टक्कर देने सामने आ गए हैं। पारडी, सोमलाड़ा, मानकापुर, कामठी रोड आरयूबी भी पानी-पानी हो गए।

वहीं नागपुर रेलवे स्टेशन रोड, एयरपोर्ट एंट्री रोड, गणेश टेकड़ी मार्ग और मानकापुर आरयूबी जैसे प्रमुख मार्गों पर जलजमाव से यातायात पूरी तरह ठप हो गया।

मौसम विभाग ने आगामी 48 घंटों के लिए और भारी बारिश की चेतावनी जारी की है जिससे प्रशासन की चुनौतियां और बढ़ सकती हैं।






