शालार्थ आईडी घोटाला (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur News: बोगस शालार्थ आईडी और फर्जी शिक्षकों की नियुक्त कर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाने वाले जिला परिषद के शिक्षणाधिकारी हिंदूस्तान कालोनी, अमरावती रोड निवासी सिध्देश्वर श्रीराम कालुसे (50) और वर्मा लेआउट निवासी रोहिणी विठोबा कुंभार (49) को न्यायालय से तगड़ा झटका मिला है। एसआईटी ने दोनों को गिरफ्तार कर प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी (जेएमएफसी) से कस्टडी मांगी थी, लेकिन उक्त न्यायालय ने पुलिस की अपील खारिज कर दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। पुलिस ने इसके खिलाफ सत्र न्यायालय में अपील की।
सत्र न्यायालय ने न्याय दंडाधिकारी का फैसला रद्द करते हुए दोनों को गिरफ्तार करने के आदेश दिए और आखिर पुलिस को कस्टडी भी मिल गई। शालार्थ आईडी के आदेश निर्गमित नहीं होने के बावजूद कालुसे और कुंभार ने बोगस शिक्षकों के साथ आर्थिक व्यवहार करके उनकी बोगस शालार्थ आईडी ड्राफ्ट तैयार किए। दोनों ने 398 बोगस शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को नियमित वेतन भी जारी करवा दिया।
जिससे सरकार को 100 करोड़ से ज्यादा की आर्थिक हानी हुई। कनिष्ट प्रशासकीय अधिकारी रविंद्र पाटिल की शिकायत पर साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए मामले की जांच के दौरान एसआईटी ने 3 शिक्षण उपसंचालक, 3 शिक्षण अधिकारी, 4 लिपिक, 2 स्कूलों के मुख्याध्यापक, 2 स्कूल संचालक और 3 शिक्षकों समेत 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
इस बीच कालुसे और कुंभार भी जांच के घेरे में आ गए। घोटाले में उनकी अहम भूमिका सामने आने के बाद एसआईटी ने 30 जुलाई को मामला दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था। लेकिन जेएमएफसी ने पुलिस कस्टडी देने से इनकार करते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा।
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पुलिस ने सत्र न्यायालय में रिवीजन अपील दायर की। सोमवार को न्यायालय ने जेएमएफसी के आदेश को रद्द कर दोनों को गिरफ्तार करने और 7 अगस्त तक पुलिस कस्टडी में रखने के आदेश दिए। मंगलवार को पुलिस दोनों आरोपियों को सेंट्रल जेल से अपनी कस्टडी में लेगी।
बता दें कि फर्जी शालार्थ आईडी मामले में विशेष जांच दल (SIT) ने गुरुवार को 3 फर्जी सहायक शिक्षकों को गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को तीनों को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने आरोपियों को 1 दिन की पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए हैं। आरोप है कि फर्जी शालार्थ आईडी की बदौलत तीनों ने कुल मिलाकर 25 लाख रुपये का वेतन लिया है।
आरोपियों में शाहूनगर, मानेवाड़ा निवासी सतीश विजय पवार (34), सूर्योदयनगर, म्हालगीनगर निवासी प्रज्ञा वीरेंद्र मुले (38) और सर्वश्रीनगर, उमरेड रोड, दिघोरी निवासी भूमिका सोपान नखाते (39) का समावेश है। सतीश और प्रज्ञा दोनों बतौर सहायक शिक्षक विद्याभूषण उच्च प्राथमिक शाला, मानेवाड़ा में कार्यरत थे, जबकि भूमिका आदर्श प्राथमिक शाला, बोरगांव में बतौर सहायक शिक्षिका कार्यरत थी।