जेडपी स्कूलों में आंदोलन (सौजन्य-नवभारत)
शालार्थ ID Scam: फर्जी शालार्थ आईडी मामले में विशेष जांच दल (SIT) ने गुरुवार को 3 फर्जी सहायक शिक्षकों को गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को तीनों को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने आरोपियों को 1 दिन की पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए हैं। आरोप है कि फर्जी शालार्थ आईडी की बदौलत तीनों ने कुल मिलाकर 25 लाख रुपये का वेतन लिया है।
आरोपियों में शाहूनगर, मानेवाड़ा निवासी सतीश विजय पवार (34), सूर्योदयनगर, म्हालगीनगर निवासी प्रज्ञा वीरेंद्र मुले (38) और सर्वश्रीनगर, उमरेड रोड, दिघोरी निवासी भूमिका सोपान नखाते (39) का समावेश है। सतीश और प्रज्ञा दोनों बतौर सहायक शिक्षक विद्याभूषण उच्च प्राथमिक शाला, मानेवाड़ा में कार्यरत थे, जबकि भूमिका आदर्श प्राथमिक शाला, बोरगांव में बतौर सहायक शिक्षिका कार्यरत थी।
आरोपियों के पास फर्जी शालार्थ आईडी होने की शिकायत साइबर सेल में दर्ज की गई। इसके बाद एसआईटी ने जांच शुरू की। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि तीनों की नियुक्ति फर्जी शालार्थ आईडी के माध्यम से हुई थी। आरोपी सतीश ने अगस्त 2023 से फर्जी आईडी के जरिए वेतन लिया। वहीं आरोपी प्रज्ञा और भूमिका ने जून 2024 से फर्जी आईडी से जरिए सरकारी वेतन प्राप्त किया।
तीनों ने कुल मिलाकर 25 लाख रुपये से अधिक का वेतन अवैध ढंग से हासिल किया था। फर्जी शालार्थ आईडी मामले में एसआईटी ने गुरुवार को तीनों को गिरफ्तार किया। आरोपियों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने तीनों को 1 दिन के पीसीआर पर भेज दिया है।
नागपुर में शालार्थ आईडी घोटाले में जिला परिषद प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षाधिकारियों की गिरफ्तारी की गई है। शिक्षा आयुक्त पुणे का लिखित निर्देश है कि प्रकरण की जांच शिक्षा उपसंचालक नागपुर विभाग स्तर पर सुनवाई लेकर निर्णय लिया जाए। रिपोर्ट के आधार पर पुलिस को कार्रवाई करनी है लेकिन ऐसा होते हुए भी सरसकट अधिकारी व कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा रहा है।
इससे शिक्षा विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों में भय का माहौल है। विभाग में असंतोष की भावना पैदा हो गई है। दहशत के चलते कर्मचारी व शिक्षक छुट्टी पर जा रहे हैं। पुलिस की इस तानाशाही कार्यप्रणाली के विरोध में शुक्रवार को जिला परिषद परिसर में शिक्षा उपसंचालक से लेकर विभाग के चपरासी तक लगभग 150 कर्मचारियों ने कामबंद आंदोलन शुरू कर दिया। इससे विभाग का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया।उपसंचालक माधुरी सावरकर के नेतृत्व में सीईओ, जिलाधिकारी, विभागीय आयुक्त व पालक मंत्री को पुलिस की तानाशाहपूर्ण कार्रवाई को रोकने की मांग की गई।
आंदोलनकारियों का कहना है कि शिक्षिकाओं को भी गिरफ्तार किया गया है जिससे डर के चलते मुख्याध्यापक, शिक्षक भी छुट्टियों पर जा रहे हैं। इससे विद्यार्थियों का नुकसान हो रहा है। प्राथमिक व माध्यमिक कर्मचारी व शिक्षकों ने इसीलिए कामबंद आंदोलन का निर्णय लिया। शुक्रवार को आंदोलन के 100 फीसदी सफल होने का दावा किया गया।
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काम ठप होने से विभाग के कर्मचारियों का वेतन बिल भी लटक जाएगा। संगठनों ने 2 अगस्त को मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्री, उपमुख्यमंत्री व पालक मंत्री की उपस्थिति में होने वाले शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख के सत्कार कार्यक्रम के बहिष्कार का निर्णय लिया है।
आंदोलन में उपशिक्षाधिकारी जयेश वाकोडकर, शिक्षा विस्तार अधिकारी संगठन अध्यक्ष विजय कोकोड्डे, कास्ट्राईब जिलाध्यक्ष डॉ. सोहन चवरे, वेतन पथक अधीक्षक माध्यमिक गौतम गेडाम, प्राथमिक एस.वाई. शर्मा, प्रमोद नाट, भास्कर झोडे, विशाल गौर, रमेश हरडे सहित बड़ी संख्या में विभाग के कर्मचारी व अधिकारी शामिल हुए। पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक न्याय नहीं मिलता तब तक कामबंद आंदोलन शुरू रहेगा। 8 अगस्त से सामूहिक अवकाश आंदोलन किया जाएगा।