
रामटेक में नहर (सौजन्य-नवभारत)
Pench Irrigation Project: रामटेक तहसील अंतर्गत पेंच सिंचाई परियोजना की नगरधन से नवरगांव के बीच स्थित मुख्य नहर इस समय अत्यंत जर्जर अवस्था में है और टूटने की कगार पर खड़ी है। नहर की माइनर दीवारों में कई स्थानों पर बड़ी दरारें पड़ चुकी हैं और मानसून के दौरान पानी का दबाव बढ़ते ही इन दीवारों के ढहने की प्रबल आशंका है।
नहर के किनारे स्थित कृषि भूमि और खड़ी फसलें गंभीर खतरे में हैं। इसके बावजूद रामटेक के पेंच सिंचाई (जल संसाधन) विभाग पर मूकदर्शक बने रहने का आरोप पूर्व पंचायत समिति सदस्य शंकर होलगिरे के साथ किसानों ने लगाया है। क्षेत्र के किसानों के अनुसार, इस नहर का निर्माण लगभग वर्ष 1980 में किया गया था। इतने वर्षों के बाद भी कोई ठोस मरम्मत या पुनर्निर्माण नहीं होने से नहर की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है।
किसानों का कहना है कि आगामी मानसून में यदि नहर टूटती है तो खेतों की फसल बह जाएगी और किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। नगरधन से नवरगांव के बीच स्थित नहर की माइनरों का तत्काल पुनर्निर्माण करने की मांग की गई है। इस संबंध में पूर्व पंचायत समिति सदस्य शंकर होलगिरे के साथ स्थानीय किसानों ने प्रशासन को लिखित निवेदन सौंपा है।
रामटेक–चिचाला मार्ग पर प्रशासनिक उदासीनता का एक और गंभीर उदाहरण सामने आया है। पेंच जलाशय की मुख्य बाईं नहर से जुड़े उपनहर पर बना पुल रखरखाव और मरम्मत के अभाव में झुक गया है, जिससे यह एक संभावित मौत का जाल बन चुका है। खतरे को देखते हुए पेंच सिंचाई विभाग के उपविभागीय अभियंता विवेक झाड़े ने राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर 13 सितंबर 2025 की दोपहर से इस पुल पर भारी वाहनों और चारपहिया वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया।
हालांकि दोपहिया वाहनों की आवाजाही अब भी जारी है, जिससे प्रशासन के निर्णय की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यदि पुल ढहता है और जान-माल की हानि होती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा—यह सवाल नागरिकों द्वारा गुस्से में उठाया जा रहा है।
रामटेक–चिचाला मार्ग आगे काचूरवाही सहित तहसील के कई गांवों को जोड़ने वाला छोटा और सुविधाजनक रास्ता है, जिसके कारण यहां यातायात का दबाव अधिक रहता है। मार्ग पर लगाए गए प्रतिबंधों से नागरिकों को भारी परेशानी हो रही है, लेकिन अब तक न तो कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है और न ही नए पुल के निर्माण कार्य में कोई तेजी आई है।
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नहर टूटने का खतरा, खतरनाक रूप से झुके पुल पर जारी दोपहिया यातायात और प्रशासन का निष्क्रिय रवैया-इन सभी कारणों से रामटेक तहसील पर बड़े संकट की आशंका मंडरा रही है। इसलिए किसी दुर्घटना के बाद नहीं, बल्कि उससे पहले ही प्रशासन को जागकर नहर की माइनरों और पुल का तत्काल पुनर्निर्माण करने की जोरदार मांग पूर्व पंचायत समिति सदस्य शंकर होलगिरे के साथ किसानों और नागरिकों ने अपने निवेदन के माध्यम से की है।






