नर्सों की हड़ताल (सौजन्य-नवभारत)
Nurses of government hospitals in strike : 24 घंटे के काम बंद आंदोलन के बाद शुक्रवार को सुबह से शुरू नर्सों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते मेडिकल में व्यवस्था पर असर पड़ा। केवल माइनर ही नहीं बल्कि मेजर ऑपरेशन भी कम हुए। 24 घंटे के भीतर करीब 40 फीसदी ऑपरेशन स्थगित करने पड़े। वहीं नर्सों के संगठन ने मांगें मान्य होने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया। इस बीच नर्सों ने दिन भर नारेबाजी के साथ धरना आंदोलन कर अपनी आवाज बुलंद की।
सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेजों में नर्सों की ठेकेदारी पद्धति द्वारा की जा रही नियुक्ति बंद करने, 7वें वेतन आयोग में वेतन विसंगतियां दूर करने सहित विविध मांगों को लेकर महाराष्ट्र राज्य परिचारिका संगठन की ओर से शुक्रवार की सुबह से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की गई। इससे पहले नर्सों ने 24 घंटे का काम बंद आंदोलन किया था लेकिन सरकार द्वारा मांगों पर गंभीरता नहीं दिखाने से नाराज नर्सें हड़ताल पर चली गईं।
बारिश के सीजन में नर्सों की हड़ताल मरीजों पर भारी पड़ने लगी है। हालांकि मेडिकल, मेयो और आयुर्वेद कॉलेज की ओपीडी और आईपीडी पर असर तो नहीं दिख रहा है लेकिन ऑपरेशन की गति धीमी हो गई है। मेडिकल में 24 घंटे के भीतर 125 से अधिक माइनर और 80 तक मेजर ऑपरेशन किये जाते हैं। इनमें करीब 30-40 फीसदी ऑपरेशन स्थगित करने पड़े। इमरजेंसी ऑपरेशन सेवा पर फिलहाल कोई असर नहीं हुआ।
मेडिकल में करीब 800 से अधिक नर्सें हड़ताल में शामिल हुई हैं। व्यवस्था को संभालने के लिए मेडिकल प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग और सिविल सर्जन कार्यालय के अधीन कार्यरत 40 नर्सों को काम पर लगाया है। वहीं बीएससी नर्सिंग की 48 और एमएससी नर्सिंग की 22 छात्राएं जुटी हुई हैं।
Maharashtra: Thousands of nurses in government hospitals have gone on an indefinite strike starting July 18. More than 30,000 nurses have completely withdrawn their services
President of Maharashtra State Nurses Organisation, Manisha Shinde says, “…We are currently on strike.… pic.twitter.com/dep1uoflXk
— IANS (@ians_india) July 19, 2025
साथ ही सभी निवासी डॉक्टरों सहित इंटर्न की सेवा ली जा रही है। हालांकि प्रशासन द्वारा हड़ताल से निपटने के लिए उपाय योजना तो कई गई है लेकिन वार्डों में भर्ती मरीजों की सेवा में व्यवधान आ रहा है। रात के वक्त नर्सों के भरोसे मरीजों की केयर होती है। स्टॉफ नर्सें नहीं होने से कुछ हद तक परेशानी हुई।
नागपुर के मेयो में फिलहाल व्यवस्था पर खास असर नहीं पड़ा है। अस्पताल की करीब 94 नर्सें हड़ताल में शामिल हुई हैं। इनकी भरपाई करने के लिए मेयो प्रशासन ने 8 आंबेडकर अस्पताल और 59 श्योरटेक नर्सिंग इंस्टीट्यूट की नर्सों को काम पर लगाया है। मेयो में शुक्रवार को 44 मेजर और 14 माइनर ऑपरेशन हुए जो कि हर दिन की तरह ही सामान्य है। जानकारों की मानें तो हड़ताल लंबी चलने से व्यवस्था पर अधिक असर होगा।
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नर्सों की हड़ताल को लेकर मेडिकल शाखा सचिव शहजाद बाबा खान ने कहा, “सरकार द्वारा मांगों पर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। पहले ही अल्टीमेटम दिया गया था लेकिन वैद्यकीय शिक्षा व अनुसंधान विभाग ने ध्यान नहीं दिया। संगठन की मांगें काफी पुरानी हैं। हर बार आश्वासन तो दिया जाता है लेकिन उसकी पूर्ति नहीं होती। बार-बार अन्याय किया जा रहा है। यही वजह है कि नर्सों में असंतोष का माहौल है। जब तक मांगों पर ठोस कार्यवाही नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा।”