जमीन देने के लिए किसान राजी (सौजन्य-नवभारत)
NMRDA: लंबे समय से अटके पड़े ‘न्यू नागपुर प्रकल्प’ को आखिरकार गति मिलती दिखाई दे रही है। जानकारी है कि हिंगना तहसील के मौजा गोधनी (रिठी) और लाडगांव (रिठी) परिसर में लगभग 1,710.11 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित इस महत्वाकांक्षी प्रकल्प के लिए अब अधिकांश किसानों ने सहमति दे दी है।
इस विषय को लेकर शनिवार को जिला नियोजन समिति नागपुर के सभागार में बैठक का आयोजन किया गया गया था जिसमें एनएमआरडीए के महानगर आयुक्त संजय मीणा, सहायक आयुक्त सचिन ढोले, हिंगना के विधायक समीर मेघे समेत अन्य अधिकारी और किसान बड़ी संख्या में मौजूद थे। राज्य के राजस्व मंत्री तथा जिला पालक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों से संवाद साधा।
इस दौरान किसानों की मुख्य मांग प्रति एकड़ जमीन के बदले 1,500 वर्गफीट का डेवलप्ड कमर्शियल प्लॉट बिना किसी डेवलपमेंट चार्ज या अन्य शुल्क के देने का बावनकुले ने आश्वासन दिया। मंत्री बावनकुले ने इस संबंध में किसानों को लिखित आश्वासन देने का भरोसा भी दिलाया।
प्रशासन के अनुसार, भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया भूसंपादन अधिनियम 2013 तथा राज्य शासन के वर्ष 2017 के जीआर के अनुसार की जाएगी। इसमें सहमति से भूसंपादन होने पर किसानों को बाजार भाव के अनुसार दोगुना या तीन गुना तक मुआवजा मिलने की संभावना है।
किसानों की सुविधा के लिए प्रशासन ने गुमगांव में रविवार से विशेष शिविर शुरू किया है जहां प्रभावित किसान अपना सहमति पत्र भरकर दे रहे हैं। शिविर में अब तक कई किसान पहुंच चुके हैं और अपनी जमीन के बदले मुआवजा और प्लॉट लेने की सहमति जताई है।
मुआवजे की दर और डेवलप्ड प्लॉट देने के फैसले से किसानों में संतोष और उत्साह का माहौल है लेकिन जिन किसानों की जमीन पर संयुक्त रूप से कई परिवारजनों के नाम सातबारा पर दर्ज हैं, ऐसी भूमि को लेकर कुछ तकनीकी अड़चनें अब भी बनी हुई हैं। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि ऐसे मामलों का जल्द समाधान निकाल लिया जाएगा।
न्यू नागपुर प्रकल्प के साकार होने से हिंगना क्षेत्र और आसपास के इलाकों में तेज गति से शहरी विकास की संभावना बढ़ गई है। परियोजना के पूर्ण होने पर यहां नये रोजगार के अवसर, आवासीय और वाणिज्यिक विकास तथा आधुनिक बुनियादी सुविधाओं का निर्माण होने की उम्मीद है। बावनकुले के हस्तक्षेप और किसानों की सकारात्मक पहल के चलते ‘न्यू नागपुर’ का सपना अब साकार होने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है। किसानों के साथ प्रशासन की यह सहमति आने वाले दिनों में नागपुर के विकास का एक नया अध्याय लिखेगी।
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हम ‘न्यू नागपुर’ जैसे महत्वाकांक्षी परियोजना का स्वागत करते हैं। हमारी कृषि भूमि का अधिग्रहण करते समय सरकार ने हम किसानों की बात सुनी और हमें उचित मुआवजा प्रदान किया है।
हमें जब वाणिज्यिक (कमर्शियल) प्लॉट दिया गया तब सरकार ने हमसे कोई विकास शुल्क (डेवलपमेंट चार्ज) या अन्य कोई शुल्क नहीं लिया। इससे हमें बनने वाले ‘न्यू नागपुर’ प्रकल्प का हिस्सा बनने का अवसर मिला है। यह हमारे लिए आनंद की बात है।