शिक्षक भर्ती घोटाला गर्माया (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: शालार्थ आईडी घोटाले के मामले में साइबर पुलिस ने शनिवार को 2 आरोपियों को न्यायालय में पेश किया। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए। गिरफ्तार आरोपियों के नाम सागर भोसले और भरत ढवले हैं। साइबर पुलिस की हिरासत में रहते हुए उनके घरों की तलाशी ली गई। इस दौरान कंप्यूटर की जांच कर जरूरी जानकारी जुटाई गई, पंचनामा किया गया और मोबाइल जब्त किए गए। इस मामले में उनकी दी गई जानकारी के आधार पर कुछ कर्मचारियों और दलालों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
इससे पहले इसी मामले में शिक्षण उपसंचालक उल्हास नरड और लिपिक सूरज नाईक को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, सागर भोसले पहले निजी क्षेत्र में लिपिक के तौर पर कार्यरत था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से वह प्रतिनियुक्ति पर वेतन पथक अधीक्षक विभाग में लिपिक पद पर था। वहीं भरत ढवले उपसंचालक कार्यालय में लिपिक है। इस विभाग में नीलेश वाघमारे अधीक्षक पद पर कार्यरत हैं।
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साइबर पुलिस ने इस कार्यालय के कंप्यूटरों और आईपी एड्रेस की जांच की। इस दौरान यह उजागर हुआ कि नरड की आईडी का इस्तेमाल कर कई फर्जी शालार्थ आईडी तैयार की गईं। इस फर्जीवाड़े में सागर भोसले और भरत ढवले की भी संलिप्तता सामने आई है।
नरड के कहने पर सागर भोसले को शालार्थ आईडी बनाने का काम सौंपा गया था। बाद में भरत ढवले भी इस गुट में शामिल हो गया और उसने भी कई फर्जी आईडी तैयार कीं। सूरज नाईक की गिरफ्तारी के बाद यह काम ढवले को सौंपा गया था। अब पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इन फर्जी आईडी के आधार पर रिश्तेदारों या परिचितों को नौकरी दिलाई गई थी क्या, इस दिशा में पूछताछ जारी है।