सुनीता जामगडे व नागपुर डीसीपी निकेतन कदम (सोर्स: सोशल मीडिया)
नागपुर: नागपुर की एक महिला अपने बेटे के साथ लद्दाख घूमने गई थी। इस दौरान वो सीमा पार कर करगिल से पाकिस्तान पहुंच गई। अब महिला को हिरासत में लेने के लिए नागपुर की पुलिस की एक टीम को अमृतसर भेजा गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि ‘पाकिस्तान रेंजर्स’ ने शनिवार को महिला सुनीता जामगड़े (43) को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सौंप दिया।
नागपुर के जोन-5 के पुलिस उपायुक्त (DCP) निकेतन कदम ने बताया कि महिला चार मई को अपने 13 वर्षीय बेटे के साथ नागपुर से निकली और करगिल पहुंची थी, जहां से 14 मई को सीमा पार कर वह पाकिस्तान चली गई। उन्होंने बताया कि महिला को बाद में पाकिस्तानी प्राधिकारियों ने पकड़ लिया।
आईपीएस अधिकारी निकेतन कदम ने बताया कि सुनीता अमृतसर पुलिस की हिरासत में है, जिसे वापस लाने के लिए एक अधिकारी और दो महिला कांस्टेबल की टीम वहां भेजी गई है। सुनीता जामगड़े को हिरासत में लेने के बाद हम उससे पूछताछ करेंगे। हम जांच करेंगे कि क्या वह जासूसी या किसी अन्य गैरकानूनी गतिविधि में शामिल तो नहीं थी।
डीसीपी कदम ने कहा कि अमृतसर पुलिस ने ‘जीरो एफआईआर’ दर्ज कर ली है, जिसे नागपुर के कपिल नगर थाने में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। महिला कपिल नगर क्षेत्र की स्थायी निवासी है। अधिकारी ने बताया कि सुनीता के बेटे को भी जल्द ही नागपुर वापस लाया जाएगा।
लद्दाख पुलिस के महानिदेशक (DGP) डॉ. एस डी सिंह जामवाल ने पिछले सप्ताह पहले मीडिया को बताया था कि लापता होने से पहले सुनीता पाकिस्तानी नागरिकों के संपर्क में थी। अमृतसर पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है, जिसे नागपुर के कपिल नगर पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, क्योंकि उसका स्थायी पता नागपुर में ही है।
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निकेतन कदम ने आगे बताया कि अनजाने में भारत-पाकिस्तान सीमा पार करने वाले व्यक्तियों का आदान-प्रदान एक नियमित प्रक्रिया है। ऐसे मामलों को आमतौर पर बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच फ्लैग मीटिंग और संचार के माध्यम से सुलझाया जाता है। जामगड़े के 12 वर्षीय बेटे को भी जल्द ही नागपुर वापस लाया जाएगा, जिसे उसके लापता होने के बाद बाल कल्याण समिति (CWC) की देखभाल में ले लिया गया था।