नागपुर मेट्रो (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nagpur Metro Phase-2 Progress: नागपुर शहर के लिए मेट्रो लाइफ लाइन बनती जा रही है। पहले चरण को पूर्ण करने के बाद महा मेट्रो ने दूसरे चरण के निर्माण में तेजी आई है। अब तक लगभग 50-55 फीसदी कार्य पूर्ण हो चुके हैं। कुछ मार्गों में यह औसत 60 फीसदी तक पहुंच चुका है। तय सीमा (दिसंबर 2027) के अंदर सेकंड फेज को शुरू करने के लिए अधिकारी पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
मेट्रो ने अब तक 3,427 करोड़ के सिविल टेंडर जारी कर दिए हैं। ट्रैक के लिए 238 करोड़ रुपये का टेंडर देना ही बाकी रह गया है। जहां पिलर बनाने का काम तेजी से चल रहा है वहीं स्टेशनों के निर्माण कार्य ने भी गति पकड़ ली है।
सेकंड फेज की कुल लागत 6,708 करोड़ रुपये है। इस बीच राज्य सरकार ने मेट्रो को 3,585 करोड़ रुपये ऋण लेने के लिए अपनी मंजूरी भी दे दी है। इससे कार्य और आसान होंगे और प्रोजेक्ट में गति आएगी।
अधिकारियों ने बताया कि सबसे लंबा मार्ग खापरी-बुटीबोरी है। इस मार्ग पर लगभग 17.1 किलोमीटर का निर्माण कार्य हो रहा है। 1.7 किलोमीटर में मेट्रो जमीन पर दौड़ेगी। 50 फीसदी कार्य हो चुका है। 17.1 किलोमीटर में 10 स्टेशनों का निर्माण कार्य हो रहा है।
नागपुर मेट्रो के सेकंड फेज का काम जारी (फोटो नवभारत)
महा मेट्रो ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्धा रोड में चिंचभुवन से आगे एक भी कोई डबल डेकर मेट्रो नहीं बनने जा रहा है। कई बार डबल डेकर को लेकर बातें सामने आई थीं। मेट्रो का कहना है कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह जरूर है कि जामठा से बुटीबोरी के बीच एक अंडरपास बनाया जाएगा। इसके लिए एनएचएआई से बात चल रही है।
इसी प्रकार जामठा से बूटीबोरी के बीच 2 लेन अतिरिक्त मार्ग भी तैयार किया जा रहा है, ताकि आवागमन में बाधा न पड़े और ट्रैफिक सुचारु रूप से चलता रहे। यह कार्य भी शुरू हो चुका है। बारिश के बाद कार्य में तेजी आ जाएगी।
इस मार्ग को 2 भागों में बांटकर टेंडर जारी किया गया है। पहला ऑटोमोटिव से लेखानगर के बीच 6.7 किलोमीटर लंबा ट्रैक बन रहा है। यह काम लगभग 55 फीसदी (वायडक्ट) तक हो चुका है। इसमें कुल 6 स्टेशन होंगे। स्टेशनों का भी लगभग 40 फीसदी सिविल काम पूर्ण हो चुका है।
इस मार्ग की लंबाई लगभग 6 किलोमीटर है। इसमें 6 स्टेशन बनने जा रहा है। टेंडर देने का काम पूर्ण हो चुका है और लगभग 15 फीसदी काम हो चुका है।
प्रजापतिनगर से ट्रांसपोर्टनगर के बीच 5.6 किलोमीटर का काम शुरू हो चुका है। इस मार्ग पर 3 स्टेशन बनाये जा रहे हैं। पारडी, कापसी खुर्द और ट्रांसपोर्टनगर में स्टेशन बनेंगे। निर्माण कार्य गति पकड़ चुका है और अब तक 50 फीसदी से अधिक का सिविल वर्क हो चुका है।
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लोकमान्य से हिंगना मार्ग भी महत्वपूर्ण है। कुल 6.7 किलोमीटर लंबाई है और 7 स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है। इस मार्ग पर भी 50 फीसदी से अधिक सिविल कार्य हो चुके हैं। इस मार्ग से विस्तार से कई स्कूल, कॉलेज और हॉस्पिटल को जोड़ने में मदद मिलेगी।
विस्तार के बाद मेट्रो को उम्मीद है कि वर्तमान में 1 लाख प्रति दिन यात्रियों की संख्या बढ़कर डबल हो जाएगी। इसका मुख्य कारण है बूटीबोरी औद्योगिक क्षेत्र, एमआईडीसी का क्षेत्र, कामठी का जुड़ा होना। कामठी से बड़े पैमाने पर लोग सिटी में काम करने पहुंचते हैं। उनके लिए यह सवारी काफी मददगार साबित होगी।
नागपुर में यात्रियों की संख्या बढ़ाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसका मुख्य कारण कनेक्टिविटी है। आरंभ से भी मेट्रो लास्ट माइल कनेक्टिविटी की बात कर रही है। इसके लिए फीडर सेवा का बड़े पैमाने पर विस्तार करना समय की मांग है।
फीडर सेवा जैसे-जैसे बढ़ेगी, लोगों का भरोसा सार्वजनिक परिवहन पर बढ़ेगा और इसका सीधा लाभ मेट्रो यात्री के रूप में देखने को मिल सकता है, इसलिए दूसरे चरण में भी फीडर सेवा काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाली है।