मनसे कार्यकर्ताओं ने बोला हमला (सौजन्य-सोशल मीडिया)
MNS workers attacked bank : नागपुर में बैंक खाते से जुड़े बीमा दावे की हिंदी और अंग्रेजी में शिकायत कॉपी मांगने के आरोप में बुधवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना कार्यकर्ताओं ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की नागपुर स्थित फ्रेंड्स कॉलोनी शाखा पर हमला बोल दिया। कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए आवेदन स्वीकार करने और कार्रवाई करने से इनकार करने वालों से बाहर आने का आग्रह किया।
इसके बाद मनसे कार्यकर्ताओं ने बैंक के बोर्ड पर कालिख पोत दी। इससे कुछ देर के लिए माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने बैंक शाखा के सामने प्रदर्शन कर रहे करीब 50 मनसे कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। इनमें मनसे शहर प्रमुख चंदू लाडे, आदित्य दुरुगकर समेत अन्य कार्यकर्ताओं का समावेश है।
बोपचे के परिवार ने आरोप लगाया था कि सड़क दुर्घटना में मारे गए योगेश बोपचे के दुर्घटना बीमा दावे के लिए हिंदी में एफआईआर मांगी गई थी। यह बीमा योगेश बोपचे के यूनियन बैंक खाते से संबंधित था। दुर्घटना बीमा जनरल इंश्योरेंस कंपनी का है और कंपनी का मुख्यालय कोलकाता में है। बैंक मैनेजर हर्षल जुनानकर ने कहा कि कोलकाता के अधिकारियों को मराठी नहीं आती है।
इसलिए एफआईआर का हिंदी अनुवाद दावा पत्र के साथ भेजना होगा। योगेश बोपचे के मामले में यही कारण बताते हुए हिंदी में एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी। मनसे के आंदोलन के बाद यूनियन बैंक ने मनसे और बोपचे के परिवार से माफी मांगी। इसके बाद मनसे ने आंदोलन रोक दिया।
बैंक ने स्पष्ट किया कि लेन-देन के लिए मराठी आधिकारिक भाषा है। ऑनलाइन धोखाधड़ी, एटीएम चोरी या अन्य मामलों में मराठी एफआईआर स्वीकार की जाती है लेकिन बीमा कंपनी कोलकाता में स्थित है। इस कारण बीमा कंपनी मुआवजे के लिए मराठी एफआईआर की प्रति अस्वीकार कर देती है। मुआवजा देने वाली बीमा कंपनी केवल अंग्रेजी और हिंदी में ही दस्तावेज स्वीकार करती है। इस कारण आवेदन के साथ एफआईआर की अनुवादित और नोटरीकृत प्रति अनिवार्य है।
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महाराष्ट्र में पिछले कुछ समय से भाषा विवाद को लेकर संग्राम छिड़ा हुआ है। इस विवाद में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ता अहम भूमिका निभाते नजर आ रहे है। इससे पहले भी भाषा को लेकर कई तरह के विवाद राज्य में देखे गए है।