आवारा कुत्ते (फाइल फोटो)
Stray Dogs Vaccination: नागपुर में आवारा कुत्तों की नसबंदी और रेबीज वैक्सीनेशन के लिए चलाए जा रहे ‘मिशन रेबीज’ अभियान के तहत 1 से 8 सितंबर तक 325 कुत्तों का वैक्सीनेशन किया गया। 3 सितंबर को मनपा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था कि यह अभियान 28 सितंबर तक चलेगा और इस अभियान में 20 हजार आवारा कुत्तों को एंटी रेबीज वैक्सीन दी जाएगी।
इसके अनुसार प्रतिदिन 714 आवारा कुत्तों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य निर्धारित था लेकिन मनपा पिछले 8 दिनों में एक भी दिन लक्ष्य हासिल करने में कामयाब नहीं हुई। इसलिए यह अभियान एक तरह से दिखावा साबित हो रहा है। इस अभियान को तहत शहर के 20 हजार आवारा कुत्तों को रेबीज रोधी टीके लगाए जाने हैं।
वर्ल्ड वाइड वेटरनरी सर्विसेज होप, मिशन रेबीज, निर्माण पीपल और एनिमल वेलफेयर सोसाइटी, नागपुर द्वारा सामूहिक रेबीज वैक्सीनेशन अभियान 1 सितंबर से शुरू है। मनपा ने कुत्तों के वैक्सीनेशन के लिए आवश्यक वाहन और कर्मचारी उपलब्ध करा दिए हैं लेकिन लक्ष्य के अनुरूप टीकाकरण नहीं हो पा रहा है।
मनपा ने पिछले 3 वर्षों में 56,997 कुत्तों का वैक्सीनेशन करने का दावा किया है। शहर में आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी रेबीज वैक्सीनेशन पिछले 3 वर्षों से भांडेवाड़ी, गोरेवाड़ा और महाराजबाग पशु जन्म नियंत्रण केंद्रों में एक गैर सरकारी संगठन की मदद से किया जा रहा है। एम. वेट्स फॉर एनिमल्स, सतारा ने भांडेवाड़ी केंद्र में 26,800 कुत्तों का वैक्सीनेशन किया है।
एम. कृष्णा सोसाइटी फॉर एनिमल्स, पुणे ने गोरेवाड़ा केंद्र में 22,794 कुत्तों का वैक्सीनेशन किया है और एम। स्वातंत्र्य एनिमल वेलफेयर सोसाइटी, हैदराबाद ने महाराजबाग केंद्र में 7,403 कुत्तों का वैक्सीनेशन किया है। कुल कुत्तों की संख्या 56,997 है। 3 वर्षों में भी गति धीमी रही है। प्रतिदिन केवल 52 आवारा कुत्तों का टीकाकरण या नसबंदी की गई।
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एक तरफ मनपा का रेबीज वैक्सीनेशन धीमी गति से चल रहा है तो दूसरी ओर आवारा कुत्तों की संख्या में वृद्धि हो रही है। आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी और उनके बढ़ते हमलों को देखते हुए मनपा को इस अभियान में तेजी लाने की जरूरत है। दावा किया गया है कि आवारा कुत्तों के वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाई गई है लेकिन मनपा द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़े मनपा के अपने ही दावे को झुठला रहे हैं। ऐसे में यदि बढ़ती संख्या पर रोक लगाने के लिए तत्परता नहीं दिखाई गई तो शहर के नागरिक कैसे सुरक्षित रहेंगे, इस तरह के सवाल भी उठने लगे हैं। विशेषत: यही रफ्तार रही तो इस पर होने वाला खर्च भी व्यर्थ हो जाएगा।