बैठक में मौजूद जिला परिषद सीईओ व अन्य अधिकारी (फोटो नवभारत)
Gadchiroli Rubella Vaccination News: भारत सरकार ने 2026 तक गोवर तथा रूबेला निर्मूलन का उद्देश्य रखा है। हाल ही में धुले, जलगांव व नासिक जिले के आश्रमस्कूल में गोवर का प्रकोप दिखाई देने से गड़चिरोली जिला प्रशासन ने भी टीकाकरण मुहिम को प्राथमिकता दी है। जिससे सभी विभाग परस्पर समन्वय रखकर मुहिम को शत प्रतिशत सफल बनाने की सूचना जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुहास गाडे ने दी है।
गड़चिरोली जिले के सभी (अनुदानित/विनाअनुदानित) आश्रमस्कूलों के बालकों के लिए गोवर व रूबेला बीमारी के खिलाफ टीकाकरण मुहिम 15 सितंबर से 30 सितंबर की अवधि में चलाई जाने वाली है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुरू होने वाले इस मुहिम से 5 से 15 वर्ष उम्र के सभी बच्चों को सुरक्षा का कवच मिलने वाला है। इस संदर्भ में मुहिम को शतप्रतिशत सफल बनाने हेतु जिलास्तरीय कृति समिति की बैठक जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुहास गाडे की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी।
इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्वेक्षण वैद्यकीय अधिकारी डाॅ. साजीद ने मार्गदर्शन किया। बैठक में एकात्मिक आदिवासी विकास विभाग के गड़चिरोली के प्रकल्प अधिकारी रणजीत यादव, अहेरी के कुशल जैन, भामरागड़ की रोशनी चव्हाण, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. प्रताप शिंदे, जिला शल्यचिकित्सक डाॅ. माधुरी किलनाके, समाज कल्याण आयुक्त डाॅ. सचिन मडावी मौजूद थे।
वहीं महिला व बालविकास विभाग के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक बानाईत, जिला माता व बाल संगोपन अधिकारी डाॅ. प्रफुल्ल हुलके, प्राथमिक शिक्षणाधिकारी बाबासाहेब पवार, माध्यमिक शिक्षणाधिकारी वासुदेव भुसे आदि उपस्थित थे।
इस टीकाकरण मुहिम से गोवर व रूबेला टीकाकरण का प्रमाण 95 प्रश से अधिक ले जाना, टीके के 2 डोज के दौरान ड्रॉप आऊट रेट जीरो पर लाना तथा ‘नॉन गोवर, नॉन रूबेला का दर प्रति लाख जनसंख्या में 2 या उससे अधिक प्राप्त करना उद्देश्य निश्चित किए गए है।
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इस मुहिम में स्वास्थ्य विभाग के साथ शिक्षा विभाग, आदिवासी विकास विभाग तथा महिला व बाल विकास विभाग का सहभाग रहने वाला है। प्रशिक्षित वैद्यकीय दल द्वारा प्रत्येक आश्रमस्कूल में टीकाकरण किया जाएगा। गोवर तथा रूबेला यह विषाणुजन्य रोग काफी तेजी से फैलते है।
गोवर के कारण छोटे बच्चों में गंभीर विकृति निर्माण हो सकती है। वहीं रूबेला गर्भवती के लिए जानलेवा है, जन्मजात विकृति निर्माण हो सकती है। जिससे टीकाकरण ही दोनों बीमारी पर प्रभावी उपाय होने की बात स्वास्थ्य विभाग ने सूचित की है।