नासिक में सड़क का हाल
Nashik News: शहर की सड़कों पर लगातार गड्ढों के कारण नागरिकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। आगामी मनपा चुनाव के मद्देनज़र भाजपा गड्ढे भरकर जनसमर्थन वापस पाने की कोशिश कर रही है, लेकिन यह आसान काम नहीं है। मनपा प्रशासन पहले भाजपा के अधीन था, इसलिए विपक्ष शहर की खराब सड़कों का ठीकरा भाजपा पर ही फोड़ रहा है। विपक्ष यह भी सवाल उठा रहा है कि शहर में भाजपा के तीन विधायक होने के बावजूद सड़कें बदहाल क्यों हैं।
2027 में होने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारियां सुर्खियों में हैं, लेकिन दूसरी ओर नाशिकवासी गड्ढों से त्रस्त हैं। महात्मा गांधी रोड, स्मार्ट रोड और मीनार रोड की हालत अपेक्षाकृत बेहतर है, लेकिन सिडको, मखमलाबाद रोड, मसरूल-रसबिहारी जोडरस्ता, मखमलाबाद-अमृतधाम जोडरस्ता, इंदिरानगर, नाशिक रोड और सातपुर जैसे इलाकों में गड्ढों की भरमार है। इन गड्ढों के कारण जाम लग रहा है, वाहन क्षतिग्रस्त हो रहे हैं और नागरिकों को निरंतर असुविधा उठानी पड़ रही है।
लंबे समय से नागरिक गड्ढे भरने की मांग कर रहे हैं, लेकिन नगर निगम बारिश का हवाला देकर काम टालता रहा। इससे जनता की नाराज़गी लगातार बढ़ रही है।
गड्ढों के मुद्दे ने अब राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। बुधवार को प्रगतिशील दलों और सामाजिक संगठनों ने नगर निगम के खिलाफ मोर्चा निकाला। 12 सितंबर को शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और मनसे द्वारा संयुक्त रैली की भी घोषणा की गई है, जिसमें सड़क और अन्य मुद्दों पर सरकार व प्रशासन को घेरा जाएगा।
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स्थिति को देखते हुए कुंभ मेला मंत्री गिरीश महाजन ने आश्वासन दिया है कि बारिश थमते ही गड्ढों को भरने का काम प्राथमिकता से होगा। उन्होंने यहां तक कहा कि ज़रूरत पड़ी तो वे खुद नाशिक में दो दिन रुककर काम की निगरानी करेंगे। फिलहाल, महाजन ने नगर निगम प्रशासन को एक सप्ताह में सभी गड्ढे भरने के आदेश दिए हैं और निगम ने काम भी शुरू कर दिया है। लेकिन, नाशिकवासी अब भी संदेह में हैं कि कितने गड्ढे भरेंगे और यह मरम्मत कितने दिन टिकेगी।