
मंत्री प्रताप सरनाईक (सौजन्य-सोशल मीडिया)
PPP Model Busport: एसटी महामंडल को अधिक सक्षम करने और यात्री सेवाओं में सुधार के लिए राज्य भर में 216 एसटी स्टैंड का विकास पीपीपी मॉडल से करने का निर्णय लिया गया है। आर्किटेक्ट के माध्यम से इसका डिजाइन भी तैयार किया गया है। उक्त बस स्टैंड बसपोर्ट की तर्ज पर विकसित किये जाएंगे। उक्त जानकारी विधान परिषद में परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने दी।
एसटी महामंडल के कामगारों के वर्ष 2018 से का महंगाई भत्ता, घरभाड़ा भत्ता, वेतन बढ़ोतरी का एरियर करीब 4500 करोड़ रुपये बकाया है। ड्राइवर व कंडक्टर की भारी कमी है और भर्ती नहीं की जा रही है। एसटी महामंडल घाटे में चल रहा है। उक्त सवाल का जवाब प्रश्नोत्तर के माध्यम विप सदस्य सचिन अहिरकर, शशिकांत शिंदे, भाई जगताप, अनिल परब ने उठाया था।
इसके जवाब में सरनाईक ने कहा कि महामंडल को 2893.23 करोड़ रूपये पूरक मांगों के तहत मिलेंगे। उक्त निधि का अधिकतर उपयोग बकाया भुगतान वे वेतन के लिए है। इसके साथ एसी यह व्यवस्था कर दी गई है कि हर महीने का वेतन 7 तारीख को कर्मचारियों के खातों में जमा हो रहा है। महामंडल की आय बढ़ाने के लिए पीपीपी मॉडल पर बसपोर्ट तैयार करने का प्लान है। 216 बस स्टैंड का डेवलपमेंट इस आधार पर किया जा रहा है। इससे आय भी बढ़ेगी और कामगारों का बकाया भुगतान भी होगा।
सरनाईक ने सदन में जानकारी दी कि कामगारों का बकाया चरणबद्ध तरीके से दिया जा रहा है। हर महीने 65 करोड़ रूपये दिये जा रहे हैं। धीरे-धीरे यह अनुशेष खत्म करने का प्रयास है। 48 समान किश्तों में यह बकाया देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि 8000 ई-बसें खरीदी जा रही है। 3000 बसों का वर्कआर्डर हो गया है। 5000 बसों का टेंडर प्रोसेस में है।
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ड्राइवर व कंडक्टर की पदभर्ती का प्रस्ताव सरकार को भेजा है। बड़ी संख्या में इनकी जरूरत है इसलिए अस्थायी तौर पर कांटेक्ट बेस में 2500 की भर्ती की जा रही है। सरकार से अनुमति मिलते ही सीधी भर्ती की जाएगी। परब ने सवाल किया कि बजट 2400 करोड़ का है और 600 करोड़ रुपये तो केवल वेतन का खर्च है ऐसे में 4500 करोड़ कामगारों के बकाया हैं, प्राविडेंट फंड के बकाया हैं व इतनी कम अवधि में कैसे दिया जाएगा।
सरनाईक ने कहा कि प्राविडेंड फंड का कुछ बकाया नहीं है। आय के स्रोत बढ़ाने के लिए ही विकास का पीपीपी मॉडल लाया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि एसटी के लिए पंचवर्षीय योजना में 25,000 ई-बस लेने की योजना है।






