
शशिकांत शिंदे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Maharashtra Assembly Session: विधान परिषद सदस्य शशिकांत शिंदे ने विधान परिषद में कहा कि सरकार बदलने के साथ ही कानून भी बदल दिए जाते हैं। नए कानून पूंजीपतियों के लाभ के लिए बनाए जा रहे हैं। वे महाराष्ट्र कृषि उत्पन्न विपणन (विकास और नियमन) (सुधार) विधेयक 2025 पर चर्चा करते हुए यह आरोप लगा रहे थे।
उन्होंने कहा, इस संशोधन के कारण 80 प्रतिशत बाजार समितियां संकट में पड़ जाएंगी। यह विधेयक मुंबई, पुणे, नासिक और नागपुर को राष्ट्रीय बाजार समिति बनाने के लिए लाया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब राज्य में पहले से बाजार समितियां हैं, तो राष्ट्रीय बाजार समिति की आवश्यकता क्या है? इसके कारण स्थानीय बाजार समितियां समाप्त हो सकती हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाजार समिति में 5 लोगों की प्रत्यक्ष नियुक्ति की जाएगी। बाजार समितियों में ईवीएम के द्वारा चुनाव नहीं होते और चुनाव जीतने में मुश्किल होने के कारण सरकार ने पीछे दरवाजे से इन नियुक्तियों का रास्ता अपनाया है। शिंदे ने कहा कि यदि यह कानून पारित हुआ तो वे अदालत जाएंगे और सड़कों पर आंदोलन करेंगे।
संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि इस विधेयक के लिए नियमावली तैयार करने हेतु दोनों सदनों के सदस्यों की एक समिति गठित की जाएगी। यह नियमावली अगले सत्र से पहले तैयार की जाएगी। उनके सुझाव पर विधेयक को मंजूरी दी गई। पणन मंत्री जयकुमार रावल ने कहा कि वाधवा पोर्ट में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की बाजारपेठ बनाई जाएगी जो दुनिया की सबसे बेहतरीन और उच्च गुणवत्ता वाली बाजारपेठ होगी।
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उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग यह झूठा प्रचार कर रहे हैं कि इस राष्ट्रीय बाजार समिति के कारण स्थानीय बाजार समितियां समाप्त हो जाएंगी। जब शशिकांत शिंदे सभागृह में बोल रहे थे, तो संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटील और पणन मंत्री जयकुमार रावल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से चर्चा करने के लिए गए। उन्होंने जो निर्देश दिए, उसकी जानकारी विपक्ष को दी गई और उसके बाद विधेयक को मंजूरी मिलने का मार्ग साफ हो गया।






