बरगद का पेड़ (सौजन्य-सोशल मीडिया, कंसेप्ट फोटो)
Nagpur News: नागपुर के मानकापुर स्टेडियम को अत्याधुनिक बनाने के लिए भले ही प्रस्तावित योजना पर अमल करने का निर्णय लिया गया हो लेकिन इसके लिए सैकड़ों पेड़ों की होने जा रही कटाई को लेकर स्थानीय नागरिकों के साथ ही प्रीति पटेल द्वारा हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका पर सुनवाई के दौरान पांचपावली के ठक्करग्राम में निर्मित होने जा रही ई-लाइब्रेरी के लिए मनपा द्वारा किए जा रहे पेड़ के ट्रांसप्लांटेशन को लेकर मामला गरमा गया।
मामले पर गत अनेक सुनवाई के बाद अब हाई कोर्ट ने कड़ी शर्तों के आधार पर स्थानांतरण को लेकर मंजूरी प्रदान कर दी। शर्तों के अनुसार अब पेड़ स्थानांतरण किए जाने के बाद 7 वर्षों तक इसकी रक्षा करनी होगी, साथ ही हर सप्ताह पेड़ को लेकर स्टेटस रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी। याचिकाकर्ता की अधिवक्ता मृणाल चक्रवर्ती और मनपा की अधिवक्ता जैमिनी कासट ने पैरवी की।
हाई कोर्ट ने जहां एक्सपर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार पेड़ की शिफ्टिंग करने की अनुमति प्रदान कर दी वहीं दूसरी ओर 3 कैमरों में स्थानांतरण की शूटिंग करने के भी निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने शर्तों में कहा कि यदि हाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया गया तो मनपा के खिलाफ उचित कार्रवाई भी की जाएगी।
गत समय हाई कोर्ट ने इस हेरिटेज पेड़ को स्थानांतरित करने के बाद उसका ध्यान रखा जाएगा और जिंदा रखा जाएगा, इसे लेकर संबंधित अधिकारी के नाम सहित शपथपत्र दायर करने का निर्देश मनपा को दिया था। साथ ही हेरिटेज पेड़ और ई-लाइब्रेरी को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी।
सुनवाई के दौरान मनपा की पैरवी कर रहे अधिवक्ता कासट ने कोर्ट को बताया कि वास्तविकता यह है कि हेरिटेज पेड़ को लेकर महानगरपालिका भी काफी गंभीर है। यही कारण है कि एक्ट में इस तरह से पेड़ के ट्रांसप्लांटेशन का कोई विकल्प नहीं होने के बावजूद हेरिटेज पेड़ को बचाने के लिए इसकी अनुमति दी गई है। यहां तक कि इसका ध्यान भी रखने की मंशा है।
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अधिवक्ता कासट ने कहा कि इस पेड़ को काटने के लिए ही आवेदन दिया गया था। कानून के अनुसार उसकी कटाई के लिए ही शर्तों के साथ अनुमति देना होता है। कोर्ट का मानना था कि हेरिटेज पेड़ स्थानांतरित करने के बाद उसे नुकसान नहीं होगा, इसकी गारंटी होनी चाहिए। यह गारंटी संबंधित अधिकारी के नाम सहित होनी चाहिए।