नितिन गडकरी (सौजन्य-IANS)
Nitin Gadkari in Nagpur: अपने निर्भीक व निष्पक्ष कड़े बोल के लिए पहचाने जाने वाले कद्दावर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर सरकार व विकास योजनाओं को अमल में लाने वाली अथॉरिटी पर ऐसा कुछ कह दिया है जिससे राजनीतिक व सरकारी महकमा दंग रह गया है।
नागपुर में विदर्भ एडवेंचर एसोसिएशन की ओर से सुरेश भट्ट सभागृह में आयोजित खेल संबंधी सेमिनार में उन्होंने सिटी में 300 छोटे-मझोले स्टेडियम साकार करने की अपनी इच्छा जताई। साथ ही कहा कि हालांकि सरकारी यंत्रणाओं की ओर से अड़चन आती है। उन्होंने यहां तक कहकर अपना रंज जताया कि सरकार निकम्मी चीज है।
नितिन गडकरी ने कहा सरकार के अंतर्गत आने वाली महानगर पालिका, एनआईटी व अन्य संस्थाएं किसी काम की नहीं हैं। ये सारी यंत्रणा चालू गाड़ी को पंक्चर करने का काम करती हैं। गडकरी के इस खड़े व बेबाक बोल से सभागृह में तो हंसी के फव्वारे छूट पड़े और कुछ ने तो सीटी तक बजा दी लेकिन सरकारी महकमे से संबंधित सारे लोग दंग रह गए।
नितिन गडकरी हमेशा ही कहते रहते हैं कि उनकी राजनीति धर्म-जाति-सम्प्रदाय-अमीरी-गरीबी वाली नहीं है। वे सामाजिक कार्यकर्ता हैं और वे समाज के सभी वर्ग के सर्वांगीण विकास, पिछड़ों-गरीब वर्ग के जीवनस्तर को ऊंचा उठाने और जीवन को सरल व सुलभ बनाने के लिए कार्य करते हैं।सुरेश भट्ट सभागृह में उन्होंने राजनीति के संदर्भ में फिर झटके वाली कह दी।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “शक्ति, धन और सुंदरता स्थायी नहीं, बल्कि क्षणिक हैं। सरकारें अक्सर बेकार होती हैं। निगम, एनआईटी अविश्वसनीय हैं और उन्हें ‘चलती गाड़ी में पंचर’ करने में विशेषज्ञता हासिल है।”
Video | Union Minister Nitin Gadkari (@nitin_gadkari_) while addressing an event in Nagpur said, “Power, wealth and beauty are not permanent but momentary… Governments are often useless. Corporations, NITs are unreliable and they have expertise in ‘puncturing a moving… pic.twitter.com/vKcAxbZaDI — Press Trust of India (@PTI_News) July 26, 2025
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अपने राजनीतिक सफर का अनुभव साझा करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि मैं अनेक वर्षों से राजनीति में हूं। यह फोकट का बाजार है। राजनेताओं से मुफ्त में क्या मिलेगा, इसके लिए ही प्रयत्न किया जाता है। उन्होंने उपस्थित युवाओं का मार्गदर्शन भी अपने स्टाइल में करते हुए कहा कि जब अच्छे दिन चल रहे होते हैं तो मुंह पर प्रशंसा करने वाले अनेक लोग मिलते हैं लेकिन जब ये दिन निकल जाते हैं तो बुरे दिनों में कोई पूछता भी नहीं। इसलिए खेल के क्षेत्र में मेहनत कर अपना अच्छा करिअर बनाएं।