केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को ज्ञापन सौंपते टैक्सी ड्राइवर (फोटो नवभारत)
नागपुर: विदर्भ क्षेत्र के एप आधारित टैक्सी चालकों ने अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर रविवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को जनता दरबार में ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन ऑरेंज सिटी टैक्सी यूनियन और एप बेस्ड वर्कर्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा प्रस्तुत किया गया। अध्यक्ष दीपक साने ने कहा कि राज्य और केन्द्र, दोनों ही परिवहन विभाग कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं।
जनवरी 2021 से 26 दिसंबर 2024 तक हमारी ओर से विभिन्न विषयों और मांगों पर 57 बार पत्राचार किया गया लेकिन इसमें से 52 बार नो रिप्लाई रहा। एप बेस्ड टैक्सी चालकों के लिए यह बहुत ही गंभीर समस्या है।
किराया : यूनियन का कहना है कि मोटर टैक्सी एग्रीगेटर गाइडलाइन 2020 और 2023 में किराया दर स्पष्ट नहीं किया गया है जिससे चालकों को न्यायोचित भाड़ा नहीं मिल रहा। यूनियन ने भाड़ा दरों को समिति के माध्यम से तय कर उसे सार्वजनिक करने की मांग की है।
कमीशन और रिवॉर्ड प्रणाली: एग्रीगेटर कंपनियां 25-30 प्रतिशत तक का कमीशन वसूल रही हैं जिससे चालकों की आय पर प्रतिकूल असर हो रहा है। यूनियन ने 0% कमीशन और पारदर्शक रिवॉर्ड व्यवस्था लागू करने की मांग की।
चालकों के लिए बीमा: यूनियन का कहना है कि अभी तक बीमा योजनाओं का लाभ अधिकांश चालकों को नहीं मिला है। नागपुर में पिछले कुछ वर्षों में 4-5 टैक्सी चालकों की मौत हो चुकी है लेकिन उनके परिवारों को कोई सहायता नहीं मिली। यूनियन ने प्रत्येक चालक के लिए 10 लाख रुपये तक के टर्म इंश्योरेंस की मांग की।
प्लेटफॉर्म परमिट संबंधी नियम: सरकार द्वारा वर्ष भर परमिट मंजूर किए गए थे लेकिन नई गाड़ियां लेने के आदेश गाइडलाइन 2023 में दिए गए हैं। इससे वर्तमान चालकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। यूनियन ने पुरानी गाड़ियों को भी शामिल करने पुनर्विचार की मांग की है।
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एग्रीगेटर कंपनियों पर नियंत्रण: मनमाने रवैये पर रोक के लिए स्थायी प्रशासनिक तंत्र की स्थापना की मांग की गई है। यूनियन ने कहा कि प्रशासनिक निगरानी के बिना एग्रीगेटर कंपनियां मनमानी करती रहेंगी।
स्टेशन और एयरपोर्ट पर प्री-पेड बूथ: यूनियन ने नागपुर रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर टैक्सी चालकों के लिए प्री-पेड बूथ शुरू करने की मांग की है जिससे उन्हें ग्राहकों तक पहुंचने का सीधा अवसर और प्रतिस्पर्धी सेवा का वातावरण मिल सके।
ऑरेंज सिटी टैक्सी और सहकारी टैक्सी उपक्रम: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा समर्थित सहकारी टैक्सी योजनाओं का उल्लेख करते हुए यूनियन ने स्थानीय स्तर पर इसे जल्द शुरू करने की मांग की है ताकि स्थानीय चालकों को रोजगार, आत्मनिर्भरता और सम्मानजनक आजीविका मिल सके।