एकनाथ शिंदे (सौजन्य-एएनआई)
नागपुर: भाजपा की तरह महायुति में शिंदे सेना भी पार्टी के विस्तार और आगामी चुनावों के लिए जोरदार प्रयास कर रही है। ‘जो मिले, वो सही’ वाले तर्ज पर पार्टी में शामिल किया जा रहा है। नागपुर में दो दिन पहले पूर्व नगरसेवकों का धूमधाम से स्वागत किया गया। उनमें से कुछ ने यह कहते हुए पार्टी की सदस्यता अस्वीकार कर दी है कि ‘मैं वो नहीं हूं’। इससे शिंदे सेना नेतृत्व अवाक हो गया है।
इस बात को लेकर भी नाराजगी बढ़ रही है कि पार्टी का एक पदाधिकारी जो अति उत्साही पूर्व पार्षद है एक राज्य मंत्री का हाथ पकड़कर इस तरह प्रवेश कर रहा है। पार्टी में शामिल कराते समय संपर्क पदाधिकारियों और शहर के नेताओं को दूर रखा जाता है। गुप्त प्रवेश को लेकर पदाधिकारियों में भी गुस्सा बढ़ रहा है।
राज्य मंत्री आशीष जायसवाल के नेतृत्व में रविवार को 16 पूर्व पार्षदों को पार्टी में शामिल किया गया था। इनमें से कुछ अनुपस्थित थे। हालांकि, उनके प्रवेश की घोषणा पार्टी के अंदर ही कर दी गई थी। अब इन पूर्व पार्षदों ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने प्रवेश नहीं लिया है। प्रवेश को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है। पांच पूर्व नगरसेवकों परसराम बोकड़े, भास्कर बर्डे, जीजा धकाते, दुर्गा रेहपाड़े और भीमराव नंदनवार ने कहा कि उन्हें अखबारों से पता चला कि वे शिंदे सेना में शामिल हो गए हैं।
पूर्व नगरसेवक और जिला प्रमुख बंडू तलवेकर ने इस प्रवेश की पहल की और इसकी जिम्मेदारी भी ली। तलवेकर कई लोगों के संपर्क में हैं। वे लगातार पार्टी की सदस्यता लेने के लिए फोन कर रहे हैं। चर्चा है कि वह ठाकरे गुट के पदाधिकारियों पर भी पार्टी में शामिल होने का दबाव बना रहे हैं। उन्हें राज्य मंत्री जायसवाल का करीबी माना जाता है। इसलिए उनकी बातों के आधार पर ही पार्टी में प्रवेश लिया जा रहा है। हालांकि, कुछ पूर्व पार्षदों का आरोप है कि पार्टी में शामिल होने के लिए उन्हें कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई।
विधायक कृपाल तुमाने रामटेक के संपर्क प्रभारी हैं। पूर्व विधायक मनोहर चंद्रिकापुरे नागपुर शहर के संपर्क अधिकारी हैं। इसके अलावा किरण पांडव पूर्व विदर्भ के संयोजक हैं। सूरज गोजे शहर और जिला प्रमुख हैं। इन नेताओं को भी इस प्रवेश प्रक्रिया की कोई सूचना नहीं है। कुछ महीने पहले उपमुख्यमंत्री और पार्टी नेता एकनाथ शिंदे नागपुर आए थे।
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पूर्वी विदर्भ के कई जिलों से अन्य दलों के पदाधिकारी वर्धा रोड स्थित एयरपोर्ट मेट्रो हॉल में पार्टी में शामिल हुए थे। उनमें से कई को अभी तक कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है। मनसे उपाध्यक्ष किशोर सरायकर भी शिंदे सेना में शामिल हो गए हैं लेकिन वे भी खाली हैं। इसलिए कई लोगों में असंतोष है क्योंकि पार्टी में शामिल होने पर उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं मिल रही है।