प्रतीकात्मक तस्वीर
नागपुर. भूतबाधा दूर करने का झांसा देकर हवस के पुजारी ने एक परिवार को अपने झांसे में लिया। तंत्र-मंत्र से किशोरी का उपचार करने के बहाने उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। इसी तरह उसने परिवार की 3 महिलाओं को भी हवस का शिकार बनाया। लगातार ढाई वर्ष तक वह परिवार की महिलाओं को प्रताड़ित करता रहा। आखिर भांडा फूटने के बाद परिजनों ने पुलिस से शिकायत की।
पॉक्सो की विशेष अदालत के न्यायाधीश ओ।पी।जायसवाल ने नराधम को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई। दोषी करार दिया गया आरोपी अंबेनगर, भांडेवाड़ी निवासी धर्मेंद्र विठोबा निनावे उर्फ दुलेवाले बाबा (50) बताया गया। 9 जनवरी 2021 को पारडी पुलिस ने 17 वर्षीय किशोरी की शिकायत पर दुलेवाले के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 2 दिन बाद उसकी गिरफ्तारी हुई थी। पीड़ित किशोरी के पिता की दुलेवाले से पहचान थी।
किशोरी अक्सर बीमार रहती थी जिसकी वजह से परिजन चिंतित थे। पिता ने इस बारे में दुलेवाले को बताया। उसने बताया कि आपकी बेटी पर भूत का साया है। उसे भगाने के लिए 21 दिन तक तांत्रिक पूजा करनी पड़ेगी। पूजा करने के बाद भी पूरी तरह से भूत दूर नहीं हुआ है कहकर वह पीड़िता को अपने साथ निर्जन स्थान पर ले गया। वहां उसने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद उसने पीड़िता की मां, मामी और दादी पर भी भूतप्रेत का साया होने की जानकारी दी। उन्हें भूत निकालने के बहाने चंद्रपुर, छत्तीसगढ़ और डोंगरगांव में ले गया। वहां बेहोशी की दवा देकर दुष्कर्म करता था। होश में आने पर पीड़िता को अलग-अलग वजह से किसी सदस्य की मौत का डर दिखाता था।
यह भी पढ़ें: नागपुर में सनसनीखेज वारदात, शादी के कई साल बाद भी नहीं हुआ बच्चा तो पत्नी को उतारा मौत के घाट
पीड़िता की 60 वर्षीय दादी को भी नहीं छोड़ा। आखिरकार परिवार की महिलाओं ने एक-दूसरे से चर्चा की और चारों के साथ दुष्कर्म की बात सामने आई। तत्कालीन इंस्पेक्टर सुनील गांगुर्डे और पीएसआई प्रियंका गोदमले ने प्रकरण की जांच कर आरोपपत्र दायर किया। सरकारी वकील सोनाली राऊत आरोप सिद्ध करने में कामयाब हुई।
यह भी पढ़ें: ड्रग तस्कर मकसूद इलाहाबाद में धराया, पुलिस ने पेडलर से पकड़ी थी 907 ग्राम एमडी
न्यायालय ने दुलेवाला को महाराष्ट्र नरबली अघोरी प्रथा जादूटोना अधिनियम की धारा 3(2), 5, 11 में दोषी करार देते हुए 5 वर्ष और पॉक्सो व दुष्कर्म के मामले में 20-20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। बतौर पैरवी अधिकारी हेड कांस्टेबल उमेश मेश्राम और भास्कर बंसोड़ ने कामकाज संभाला।