
हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
Nagpur Local Elections: राज्यभर में होने जा रहे स्थानीय निकायों के चुनाव किसी न किसी वजह से विवादों के घेरे में हैं। हालांकि चुनाव आयोग नियमों के अनुसार चुनाव कराने का दावा कर रहा है किंतु आश्चर्यजनक यह है कि कानून की नजरों में आयोग की कार्यप्रणाली स्वीकार योग्य नहीं है। यही कारण है कि हाई कोर्ट ने हाल ही में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए परिणामों की अलग-अलग तारीखों पर रोक लगा दी।
साथ ही सभी परिणाम 21 दिसंबर को घोषित करने के स्पष्ट आदेश दिए हैं। अभी यह मसला थमा भी नहीं था कि कामठी नगर परिषद और बेसा-पिपला नगर पंचायत के चुनाव में मतदान के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी होने का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। इसी याचिका में बेसा-पिपला नगर पंचायत की वोटर लिस्ट में भी धांधली होने का आरोप लगाया गया है।
कामठी नगर परिषद के चुनाव को रद्द करने की मांग करते हुए कामठी नगर विकास कृति समिति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। समिति ने कानून के अनुसार पुन: चुनाव के आदेश देने की मांग हाई कोर्ट से की। गुरुवार को इस याचिका पर सुनवाई होने की उम्मीद जताई जा रही है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य चुनाव आयोग द्वारा 4 नवंबर को घोषित कार्यक्रम के अनुसार 2 दिसंबर को कामठी नगर परिषद का चुनाव हुआ। चुनाव से पहले 31 अक्टूबर को अंतिम मतदाता सूची की घोषणा की गई। इसके बाद जब बूथ स्तर की सूची तैयार की गई तो अनेक मतदाताओं के अनुक्रमांक बदल गए। इस बदलाव के कारण भारी भ्रम उत्पन्न हुआ।
याचिका के अनुसार सैकड़ों मतदाता सूची में अपना नाम नहीं ढूंढ पाए। कई लोगों को अपना नाम खोजने में 2 से 3 घंटे खर्च करने पड़े और अंततः कई लोग मतदान करने से वंचित रह गए। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि उनका संवैधानिक मतदान का अधिकार ही छीन लिया गया। कामठी के अलावा बेसा-पिपला नगर पंचायत के चुनाव को भी हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है।
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रिपब्लिकन लोकशाही मोर्चा समर्थित नगराध्यक्ष पद की उम्मीदवार भारती वानखेड़े ने चुनाव की वैधता को चुनौती दी है। वानखेड़े ने ईवीएम में गंभीर त्रुटियां होने का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि चुनाव निर्णय अधिकारियों ने प्रभागों के मतदान केंद्रों में ईवीएम के बैलेट यूनिट और कंट्रोल यूनिट को बदल दिया।
वानखेड़े का कहना है कि उन्होंने इन परिवर्तनों पर आपत्तियां दर्ज कराई थीं लेकिन उन्हें दूर नहीं किया गया। उन्होंने भी मांग की है कि इस चुनाव को अवैध घोषित कर रद्द किया जाए और नये सिरे से चुनाव कराया जाए।






