
चंद्रशेखर बावनकुले (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Election Commission: नागपुर में मतदान से एक दिन पहले नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनाव आगे बढ़ाने के चुनाव आयोग के फैसले से सरकार असहमत है। इस निर्णय और इससे जुड़े विवाद से सरकार का कोई संबंध नहीं है। महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने यह बयान दिया। वे नागपुर में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य की कुछ नगर परिषदों व नगर पंचायतों के चुनाव मतदान से 48 घंटे पहले स्थगित करना एक अकल्पनीय और चौंकाने वाला निर्णय है। चुनाव स्थगित न हों, इसलिए सरकार ने आयोग को 4 बार पत्र भेजे थे। चुनाव आयोग के इस निर्णय पर सभी दलों के नेता नाराज हैं।
सरकार ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया था और आयोग की भूमिका को गलत बताया था। इसके बावजूद नाना पटोले आयोग की गलती के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। बावनकुले ने कटाक्ष किया कि उन्हें हर बात में राजनीति दिखाई देती है।
कामठी नगर परिषद का चुनाव रद्द करने की मांग कई लोगों ने की है और इस संबंध में अदालत का भी रुख किया गया है। इस पर बावनकुले ने कहा कि याचिका दाखिल करना हर नागरिक का अधिकार है। इस पर अंतिम निर्णय अदालत ही लेगी।
बावनकुले कहा कि महायुति में कुछ स्थानों पर स्थानीय स्तर पर नाराजगी जरूर रही है लेकिन इसका गठबंधन की स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेशाध्यक्ष द्वारा दिया गया 2 दिसंबर का अल्टीमेटम केवल स्थानीय निकाय चुनावों तक सीमित था, राज्य की महायुति पर उसका कोई संबंध नहीं।
यह भी पढ़ें – लोहे-सीमेंट का ‘काला कारोबार’! GST चोरी के आरोपों से हिल गया झरी-जामणी का बाजार, विभाग पर उठे सवाल
अतिवृष्टि प्रभावितों को केंद्र सरकार की सहायता के विषय पर उन्होंने बताया कि केंद्र का दल नुकसानों का निरीक्षण कर चुका है। राज्य सरकार प्रस्ताव भेजती है और केंद्र सरकार उस पर निर्णय लेकर अंतिम रिपोर्ट तैयार करती है। बावनकुले ने उम्मीद जताई कि यह प्रक्रिया जल्द पूरी होगी और राज्य के नुकसानग्रस्त किसानों को बड़ी सहायता प्राप्त होगी।






