महाराष्ट्र विद्युत कर्मचारी सेना के प्रतीक चिह्न का अनावरण (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: महाराष्ट्र में बिजली कर्मचारियों के हितों की आवाज़ को एकजुट और संगठित करने के प्रयासों को आज एक नई दिशा और आधिकारिक पहचान मिली। नागपुर में आयोजित एक भव्य और ऐतिहासिक समारोह में राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ‘महाराष्ट्र राज्य विद्युत कर्मचारी सेना’ के आधिकारिक प्रतीक चिह्न का अनावरण किया। यह आयोजन न केवल संगठन की औपचारिक शुरुआत का अवसर बना, बल्कि इससे राज्य के बिजली कर्मचारियों के भविष्य की लड़ाई और उनके हक की आवाज़ को मजबूती भी मिली।
समारोह में उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि यह प्रतीक चिह्न कर्मचारियों की एकजुटता, आत्मसम्मान और अधिकारों के संघर्ष का प्रतीक है। उन्होंने उपस्थित सैकड़ों कर्मचारियों और पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए भरोसा दिलाया कि सरकार बिजली कर्मियों की समस्याओं के समाधान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह संगठन केवल एक यूनियन नहीं बल्कि एक मिशन होगा जो बिजली कर्मचारियों की समस्याओं को दूर करने और उनके कल्याण के लिए ठोस योजनाएं बनाएगा।
मंच पर राज्य सरकार के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाठ और राज्यमंत्री आशिष जैस्वाल ने अपने भाषण में संगठन की सराहना करते हुए इसे कर्मचारियों की ताकत बताया। उन्होंने कहा कि इस मंच से कर्मचारियों की मांगें सुनने और उन्हें हल करने की प्रक्रिया और भी पारदर्शी और प्रभावी होगी।
इस अवसर पर विधायक कृपाल तुमाने और विधायक मनीषा कायंदे ने भी कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि वे हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे और उनकी आवाज़ सरकार तक पहुंचाने में कोई कमी नहीं रखेंगे। शिवसेना के वरिष्ठ नेता किरण पांडव ने भी मंच से कर्मचारियों से अपील की कि वे संगठन को मजबूत बनाएं और ईमानदारी से अपने हक की लड़ाई लड़ें।
कार्यक्रम के दौरान ‘महाराष्ट्र राज्य विद्युत कर्मचारी सेना’ के वरिष्ठ पदाधिकारियों की उपस्थिति भी आयोजन की शोभा बढ़ा रही थी। अध्यक्ष योगेश विटनकर, कार्याध्यक्ष मनोज मेश्राम और प्रवीण पाठराबे, महासचिव डॉ. अविनाश आचार्य, दिलीप आवळे, जीवन डहाट, आशिष इंगले और श्रीरंग दहासहस्त्र जैसे प्रमुख नेताओं ने मंच साझा किया और संगठन के भावी कार्यक्रमों और योजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि संगठन अब बिजली कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए योजनाबद्ध ढंग से काम करेगा और कर्मचारियों की आवाज़ को सरकार और प्रशासन तक मजबूती से पहुंचाएगा।
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समारोह के समापन पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रतीक चिह्न का अनावरण करते हुए कहा कि यह केवल एक प्रतीक नहीं बल्कि कर्मचारियों के आत्मविश्वास, उनके संघर्ष और उनकी एकता का संदेश है। उन्होंने संगठन से अपील की कि वह कर्मचारियों की समस्याओं को हल करने के लिए प्रशासन और सरकार के साथ रचनात्मक संवाद बनाए रखे। उन्होंने भरोसा जताया कि यह संगठन भविष्य में बिजली कर्मियों की समस्याओं का स्थायी समाधान तलाशने और उनके कल्याण के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।
इस आयोजन के साथ ही ‘महाराष्ट्र राज्य विद्युत कर्मचारी सेना’ ने अपने औपचारिक और संगठित कार्य की शुरुआत कर दी है। अब यह संगठन राज्य के बिजली कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान, उनके अधिकारों की रक्षा और उनके कल्याण के लिए एक सशक्त मंच के रूप में कार्य करेगा। कर्मचारियों और नेताओं को उम्मीद है कि इससे उनकी आवाज़ सरकार तक और भी प्रभावी ढंग से पहुंचेगी और उनकी मांगों को न्याय मिलेगा।