
नागपुर स्थित विधानभवन (सोर्स: सोशल मीडिया)
Contractors Call Off Strike: लंबित बकाया राशि के कारण ठेकेदारों ने शीतकालीन अधिवेशन से जुड़ा काम बंद कर दिया था। 3 दिन तक काम बंद रहने के बाद सोमवार को उन्होंने यह आंदोलन वापस ले लिया। विभाग के सचिव संजय दशपुते ने उन्हें बकाया बिलों के भुगतान का आश्वासन दिया जिसके बाद ठेकेदारों ने आंदोलन खत्म करने का निर्णय लिया। हालांकि उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 4-5 दिनों में भुगतान नहीं किया गया तो आंदोलन और अधिक तीव्र किया जाएगा।
बता दें कि, ठेकेदारों के करीब 150 करोड़ रुपये के बिल बकाया हैं। दिवाली से पहले भुगतान का आश्वासन दिया गया था लेकिन भुगतान न मिलने से उन्होंने अधिवेशन से पहले काम बंद करने का निर्णय लिया। पिछले 3 दिनों से विधानभवन, रविभवन, हैदराबाद हाउस, नागभवन, विधायक निवास, रामगिरी और देवगिरी बंगलों पर सभी काम ठप पड़े थे। इससे यह संदेह हो रहा था कि अधिवेशन शुरू होने से पहले काम पूरा होगा या नहीं।
विधानमंडल सचिवालय ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हस्तक्षेप किया। पीडब्ल्यूडी विभाग के सचिव संजय दशपुते और मुख्य अभियंता संभाजी माने ने ठेकेदार संघ के पदाधिकारियों से चर्चा की और उन्हें काम शुरू करने का अनुरोध किया। दशपुते ने वित्त विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर जानकारी दी कि 3-4 दिनों में फंड उपलब्ध कराया जाएगा। आश्वासन के बाद ठेकेदारों ने सकारात्मक रुख दिखाते हुए आंदोलन वापस ले लिया।
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शीतकालीन अधिवेशन से संबंधित लगभग सभी ठेकेदारों के भुगतान लंबित हैं। 2023 के अधिवेशन के कुछ कार्यों का भुगतान अब तक नहीं हुआ है। वहीं 2024 के अधिवेशन के भी बिल बकाया हैं। हालांकि कुछ ठेकेदारों को भुगतान मिला है। कुछ चुनिंदा हेवीवेट ठेकेदारों ने अपने बिल पास करा लिए हैं। चर्चा है कि इस बार भी वही स्थिति दोहराई जा सकती है। आंदोलन वापस लेने के पीछे भी राजनीतिक समीकरणों की चर्चा है। फिलहाल काम शुरू होने से प्रशासन को राहत मिली है।






