
मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षणार्थियों को मिलेगा रोजगार (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur News: महाराष्ट्र के कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढा ने रविवार को महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा में कहा कि मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं को रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार विशेष प्रयास कर रही है। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक ‘6-सूत्री कार्यक्रम’ का भी ऐलान किया।
विधायक डॉ. राहुल पाटिल और अमित साटम द्वारा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के अंतर्गत पूछे गए सवालों का उत्तर देते हुए मंत्री लोढा ने बताया कि अब प्रशिक्षणार्थियों को आईटीआई के माध्यम से निजी उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप विशेष कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उन्हें रोजगार प्राप्त करने में प्राथमिकता मिल सकेगी।
मंत्री लोढा ने कहा कि राज्य सरकार ने 9 जुलाई 2024 से मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत 12वीं उत्तीर्ण प्रशिक्षुओं को प्रति माह 6,000 रुपये, डिप्लोमा धारकों को 8,000 रुपये तथा स्नातकों को प्रति माह 10,000 रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। योजना शुरू होने से अब तक 810.27 करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि शीतकालीन सत्र में इस योजना के लिए 408 करोड़ रुपये की पूरक मांग को स्वीकृति दी गई है। वर्तमान में मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत 1,16,384 प्रशिक्षु पंजीकृत हैं, जबकि 1,10,112 युवाओं का प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका है। आगामी 1 जनवरी से प्रशिक्षण का दूसरा बैच शुरू किया जाएगा।
शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के अल्पकालीन पाठ्यक्रमों में 10 प्रतिशत प्राथमिकता आरक्षण दिया जाएगा। लाभार्थियों को किसी एक पाठ्यक्रम में एक बार निःशुल्क प्रवेश मिलेगा। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की पंजीकरण प्रक्रिया में लाभार्थियों को 10 प्रतिशत प्राथमिकता दी जाएगी। योजना में प्रशिक्षित युवाओं की अद्यतन सूची रोजगार उपलब्ध कराने के लिए नियमित रूप से उद्योग विभाग को भेजी जाएगी।
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एमएसएमई क्षेत्र के लिए महास्वयं पोर्टल पर मैच-मेकिंग एप्लिकेशन के माध्यम से उद्योग, उद्यमी और लाभार्थियों के बीच सीधा संपर्क स्थापित किया जाएगा। विभाग द्वारा आयोजित रोजगार मेलों में योजना के लाभार्थियों के लिए विशेष काउंटर और प्राथमिकता व्यवस्था की जाएगी। निजी कंपनियों की अस्थायी जनशक्ति आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए आईटीआई के माध्यम से विशेष प्रशिक्षण देकर, ऐसे रोजगारों में योजना के लाभार्थियों को प्राथमिकता दिलाने का प्रयास किया जाएगा।






