सीएम देवेंद्र फडणवीस और डॉ. अभय दातारकर (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Nagpur Latest News: गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीडीसीएच) के डीन डॉ. अभय दातारकर का तबादला नवस्थापित गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज जलगांव में 4 महीनों पहले भले ही किया गया हो किंतु डीन ने अब तक पद नहीं छोड़ा है। आश्चर्यजनक यह है कि डीन के पद पर रहते हुए कई आरोपों से घिरे डॉ. दातारकर को अंतत: यहां से जलगांव भेजा गया था।
यहां तक कि उन्हें तुरंत ही नये पद पर ज्वाइन होने की हिदायत भी दी गई थी किंतु न तो उन्होंने इस पद को छोड़कर प्रभारी को पदभार सौंपा और न ही जलगांव में ज्वाइन किया है जिससे अब सरकार की ही किरकिरी हो रही है। सरकारी आदेश को भी इस तरह से दरकिनार किए जाने से अब सीएम की सिटी में अधिकारियों की मनमानी चलने की चर्चा डेंटल कॉलेज के गलियारों में है।
बताया जाता है कि लंबे समय से विवादों में घिरे रहने और सरकार के पास लगातार शिकायतें होने के कारण आनन-फानन में राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने ई-मेल भेजकर डॉ. दातारकर को तुरंत अपना नया पदभार संभालने और डॉ. मंगेश फडनाईक को प्रभार सौंपने का निर्देश दिया था। बताया जाता है कि डॉ. मंगेश फडनाईक पहले भी जीडीसीएच के डीन रह चुके हैं।
डॉ. दातारकर ने जीडीसीएच के डीन के रूप में 4 साल से अधिक समय तक सेवा दी है। इस दौरान भले ही उन्होंने कई नये शैक्षणिक पाठ्यक्रम शुरू करने का दावा किया हो किंतु उनका कार्यकाल कई मायनों में विवादों से भी घिरा रहा है। यदि जानकारों की मानें तो इतना लंबा समय डीन के रूप में नागपुर के कॉलेज में बिताने के बाद भी पदभार छोड़ने के लिए क्यों तैयार नहीं हैं? यह सभी के लिए आश्चर्य का कारण बना हुआ है।
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जानकारों के अनुसार कुछ मामलों में डॉ. दातारकर की कार्यप्रणाली को लेकर पालक मंत्री भी कड़ी नाराजगी जता चुके हैं। यही कारण रहा कि उनका तबादला भी किया गया किंतु अब सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों को ही आंखें दिखाई जा रही हैं। बताया जाता है कि राज्य विधानमंडल के सत्र में भी उत्तर नागपुर के विधायक डॉ. नितिन राऊत द्वारा डॉ. दातारकर के खिलाफ कई आरोप लगाए जाने के बाद सरकार ने कड़ा रुख अपनाया था।
विधायक ने उन पर परीक्षा प्रक्रियाओं में अनियमितता, छात्रों का मानसिक उत्पीड़न और आधिकारिक पद के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए जांच और कार्रवाई की मांग की थी। डॉ. दातारकर ने आरोपों का खंडन करते हुए स्पष्टीकरण जारी किया था।